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नई योजनाओं की शुरुआत, अनाज भंडारण में देश होगा 4 साल में आत्मनिर्भर

किसानों को कर्ज, बाजार और वैल्यू एडिशन मुहैया कराने में पैक्स एक बड़ी भूमिका निभा सकता है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को अनाज भंडारण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शनिवार को कई ऐतिहासिक योजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना का पायलट प्रोजेक्ट, देशभर में नए 500 पैक्स गोडाउन की आधारशिला और 18 हजार पैक्स का कम्प्यूटरीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं में भाग लेने वाले पैक्स को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सब्सिडी और ब्याज छूट दी जाएगी। भारत मंडपम में आयोजित ‘ई-पैक्स से अन्न भंडारण तक’ कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत की। इसी के साथ देशभर में मौजूद 18 हजार पैक्स आपस में जुड़ गए हैं। 

सबसे पहले जान लीजिए PACS है क्या?

प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी (PACS) सहकारिता संरचना की सबसे जमीनी इकाई है। PACS सीधे किसानों को कर्ज देता है और दिए गए कर्ज की वसूली करता है। दूसरी ओर यह शीर्ष वित्तपोषण एजेंसियों जैसे कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, रिजर्व बैंक और  नाबार्ड आदि के बीच अंतिम कड़ी के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, समय के साथ पैक्स के पास कॉमन सर्विस सेंटर, पेट्रोल स्टेशन, गैस, बीज विपणन आदि के काम भी जुड़ते चले गए हैं। पैक्स गोदाम बनाने और उसका संचालन करने की जिम्मेदारी भी उठाते हैं। 

कृषि मंत्रालय के अनुसार, किसानों को कर्ज, बाजार और वैल्यू एडिशन मुहैया कराने में पैक्स एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। किसानों को फायदा पहुंचाने में कोई भी वाणिज्यिक बैंक शाखा पैक्स इतनी कारगर साबित नहीं हो सकती।

ऐसे में, पैक्स को और कारगर बनाने के लिए, भारत सरकार ने 29 जून 2022 को इनके कम्प्यूटरीकरण के लिए एक योजना को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत 63000 पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने का लक्ष्य रखा गया था। इसी में से 18 हजार पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का आज शुभारंभ हुआ है।

क्या होगा PACS के कम्प्यूटरीकरण का फायदा?

  • पैक्स के संचालन में दक्षता बढ़ेगी।
  • किसानों को कर्ज जल्दी, कम लागत पर वितरित किए जा सकेंगे
  • किसानों के बीच पैक्स के कामकाज में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
  • पैक्स और वित्तपोषण एजेंसियों के बीच कामकाज आसान और तेज होगा। 

दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना में क्या?

प्रधानमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के पायलट प्रोजेक्ट का भी शनिवार को शुभारंभ किया। इसके तहत, 11 राज्यों की 11 पीएसीएस में गोडाउन का निर्माण किया जाएगा। इन गोदामों को आपस में इंटीग्रेट भी किया जएगा। 

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