माता-पिता बनना जीवन के उन अनुभवों में से एक है जो खुशी और भावनाओं के साथ जिम्मेदारी भी लाता है। एक बच्चे को जन्म से लेकर वयस्क होने और आत्मनिर्भर बनने तक कदम-कदम पर वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ती है। जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है। इसलिए बिना उधार लिए या अपने रिटायरमेंट के लिए बचाए गए पैसों का उपयोग किए बिना, बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करना जरूरी है।
शायद आपको यकीन ना हो, पर एक अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग से आप अपने बच्चे को वयस्क होने से पहले करोड़पति भी बना सकते हैं। इन पैसों से चाहे तो वह अपने सपनों के कॅरियर को आगे बढ़ा सकेगा या अपना खुद का बिजनेस शुरू कर सकेगा।
यह भी पढ़ें
रिटायर होने जा रहे हैं तो ये पांच कदम जरूर उठाएं, तनाव मुक्त रहेगा जीवन
बच्चे के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करने के लिए उसके लक्ष्यों जैसे उच्च शिक्षा आदि की वर्तमान लागत का पता लगाएं और फिर इसे महंगाई के अनुसार उस वर्ष तक समायोजित करें, जब आपका बच्चा उसके लिए तैयार होगा। अब आपको उतनी राशि जमा करने के लिए बचत और निवेश करने की जरूरत होगी।
भविष्य के लिए जरूरी राशि को जमा करना आसान है। बशर्ते, आप अपनी बचत को सही जगह पर और सही समय पर निवेश करें। जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करते हैं, उतनी ही कम राशि की आपको जरूरत पड़ेगी, क्योंकि कंपाउंडिंग की ताकत भी आपकी मदद करेगी।
ऐसे तो बच्चे के भविष्य की योजना के लिए निवेश के कई साधन हैं। लेकिन जब तक लक्ष्य सात साल से दूर हो तब तक इक्विटी में निवेश बेहतर रहता है। क्योंकि इक्विटी से बेहतर रिटर्न कोई भी एसेट क्लास नहीं देता। हालांकि, एसेट एलोकेशन के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए डेट में भी पैसा लगा निवेश में विविधता लानी चाहिए।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP
बच्चे के भविष्य के लिए बचत करने के मामले में इक्विटी म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा कदम साबित होते हैं। आप लगातार प्रदर्शन करने वाले 2-4 इक्विटी फंड्स में एसआईपी शुरू कर सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता से परे होकर निवेश जारी रख सकते हैं। लंबी अवधि में इक्विटी ऊपर की ओर बढ़ता है और उच्च महंगाई को मात देने वाला एकमात्र एसेट क्लास है।
यदि आपको अपने बच्चे के लिए 21 साल बाद 1 करोड़ रुपए की आवश्यकता है, तो 12% के वार्षिक रिटर्न की मानते हुए आपको हर महीने 9000 रुपए निवेश करना होगा। यदि आपको अपने बच्चे को 18 वर्ष की आयु में करोड़पति बनाना है, तो आपको हर महीने लगभग 13,000 रुपए की एसआईपी करनी होगी।
बीमा कंपनियों के चाइल्ड प्लान (Child Plan)
यदि आप जोखिम नहीं लेना चाहते तो इक्विटी म्यूचुअल फंड की जगह जीवन बीमा कंपनियों के चाइल्ड प्लान में भी निवेश पर विचार कर सकते हैं। चाइल्ड प्लान दोनों रूपों में उपलब्ध हैं, एंडावमेंट और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान। इसमें रिटर्न तो अच्छा नहीं मिलता, लेकिन इसमें यदि माता-पिता की मृत्यु हो जाती है, तो भी योजना समाप्त नहीं होती है। शेष प्रीमियम का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे को सही समय पर वांछित राशि मिल जाए, जब बच्चे को इसकी आवश्यकता हो।
सुकन्या समृद्धि योजना के जरिए Financial Planning
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) विशेष रूप से बालिकाओं के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने वाली सरकारी समर्थित एक योजना है। माता-पिता अपनी बालिका के नाम पर 14 वर्ष तक बचत कर सकते हैं और फिर 21 वर्ष के बाद, संचित राशि का भुगतान बच्चे को किया जाता है। रिटर्न की दर अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम से बेहतर होती है। इसमें निवेश जमा और परिपक्वता पर टैक्स छूट के साथ आता है।
पीपीएफ (PPF) खाता खोलना
बच्चे के लिए निवेश का एक और अच्छा विकल्प बच्चे के नाम पर पीपीएफ खाता खोलना है। बच्चे के पीपीएफ खाते में किया गया निवेश आपको कर लाभ प्रदान करता है, साथ ही बच्चे के लिए धन भी जमा कर देता है।
इक्विटी फंड, चाइल्ड प्लान, एसएसवाई और पीपीएफ के बीच इक्विटी फंड में निवेश सबसे बेहतर है। जब तक आपका लक्ष्य दूर है और आप अस्थिरता को सहन कर सकते हैं, आप इसके जरिए अधिकतम रिटर्न हासिल सकते हैंं। लक्ष्य नजदीक आने पर इस राशि काे कम जोखिम वाले विकल्पों में ट्रांसफर किया जा सकता है।

मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।