बीमा कंपनियां प्रीमियम वसूल कर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी तो धड़ल्ले से बांट देती हैं, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम भरने में खूब आनाकानी करती हैं। आमतौर पर बीमाधारकों से लंबी प्रक्रिया पूरी करने को कहा जाता है और उसमें कोई चूक होने पर क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बीमा कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार ने एक क्लेम का एक कॉमन प्लेटफॉर्म बना दिया है।
एक ही जगह मिलेगा सभी कंपनियों का हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने बीमा नियामक आईआरडीए के सहयोग से एक सिंगल प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इसका नाम नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज (एनसीएचएक्स) है। यह पोर्टल भुगतानकर्ताओं और प्रोवाइडर्स के बीच सूचना और दस्तावेजों के निर्बाध आदान-प्रदान से क्लेम सैटलमेंट प्रक्रिया को सरल, तेज और स्टैंडराइज करेगा।
एनएचसीएक्स आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। इसे भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) और एनएचए के जॉइंट वर्किंग ग्रुप की सिफारिश पर बनाया जा रहा है। फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है।
लॉन्च के समय से ही पोर्टल पूरे भारत में उपलब्ध होने की संभावना है। सरकार ने शुरुआत में लगभग 50 इंश्योरेंस कंपनियों और 250 अस्पतालों को इससे जोड़ा है। धीरे-धीरे अधिक अस्पताल और इंश्योरेस प्रोवाइडर इसमें शामिल होंगे। इससे क्लेम प्रोसेस में तेजी आने और लागत घटने की उम्मीद है।
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एनएचसीएक्स का लक्ष्य है?
- स्वास्थ्य दावों का स्टैंडर्डाइजेशन और इंटर ऑपरेटेबिलिटी
- भुगतानकर्ता (इंश्योरेंस कंपनी/टीपीए/सरकारी योजना प्रशासक) और प्रोवाइडर (अस्पताल/प्रयोगशाला/पॉली क्लिनिक) के बीच डेटा, ़डॉक्यूमेंट और इमेज का निर्बाध ट्रांजेक्शन
- मानक प्रोटोकॉल (एपीआई) का उपयोग करके एकल गेटवे के माध्यम से एफएचआईआर अनुरूप ई-दावा प्रारूप के साथ डेटा का आदान-प्रदान
- पारदर्शी और कुशल दावा प्रसंस्करण सक्षम करना
- क्लेम प्रोसेसिंग से संबंधित लागत कम करना
एनएचसीएक्स कैसे काम करेगा?
यह पोर्टल स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का उपयोग करके सिंगल गेटवे के माध्यम से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस करेगा। इसमें सभी मेडिकल इन्फॉर्मेशन और डेटा अच्छी तरह से एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित होंगे।
एनएचसीएक्स से क्या फायदा मिलेगा?
एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी इंश्योरेंस एजेंसियों के क्लेम का सैटलमेंट होगा। एनएचसीएक्स से क्लेम के समय में कमी आएगी वहीं पारदर्शिता और कुशलता बढ़ेगी। गलतियों की गुंजाइश भी कम होगी। इससे पॉलिसीहोल्डर्स के लिए प्री-ऑथराइजेशन औप डिस्चार्ज के समय मंजूरी के में लगने वाले समय में कमी के साथ-साथ दस्तावेजों की संख्या भी घटेगी। कंपनियों की ऑपरेशनल कॉस्ट घटने से वे ग्राहकों का प्रीमियम घटाने पर विचार कर सकती हैं।
एनएचसीएक्स में कैसी होगी क्लेम प्रोसेस?
पॉलिसीधारक अपने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट के जरिए कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम अस्पताल को फॉरवर्ड करेगा। अस्पताल एनएचसीएक्स के स्टैंडर्ड क्लेम फॉरमेट के जरिए इसे आगे बढ़ाएगा। इसी सिंगल गेटवे पर इंश्योरर/टीपीए डिजिटल तरीके क्लेम को वेरिफाई करके मंजूर करेंगे। इससे वेटिंग टाइम घटकर 1-2 घंटे पर आ जाएगा।
मनीलाभ डॉट कॉम में एसोसिएट एडिटर। बिजनेस पत्रकारिता में डेढ़ दशक का अनुभव। इससे पहले दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और लोकमत समाचार में बिजनेस बीट कवर कर चुके हैं। जब बिजनेस की खबरें नहीं लिख रहे होते तब शेर और कहानियों पर हाथ आजमा रहे होते हैं।