Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस में पहले से मौजूद बीमारियों के मामले में बीमा नियामक इरडा (IRDA) ने बड़ी राहत दी है। इरडा ने कहा है कि बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तीन साल की वेटिंग पीरियड पूरा करने के बाद पॉलिसीधारक को उसकी पहले से मौजूद बीमारी का कवरेज से इनकार नहीं कर सकते। इरडा ने इस नियम को 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी कर दिया है।
इससे पहले, बीमा कंपनियां अलग-अलग बीमारियों के अलग-अलग वेटिंग पीरियड (waiting period) रखती थीं और कई बीमारियों में वेटिंग पीरियड 4 साल का होता था। वेटिंग पीरियड के अलावा इरडा ने मोरटोरियम (moratorium) अवधि को भी 8 साल से घटाकर पांच साल तक दिया गया है।
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इंश्योरेंस एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार के हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस हेड सिद्धार्थ सिंघल ने IRDA के नए रेगुलेशन का स्वागत करते हुए कहा कि IRDAI के निर्देशानुसार अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड को 4 साल से घटाकर 3 साल करना अनिवार्य है। यह बहुत ही सराहनीय कदम है, क्योंकि यह हेल्थ इंश्योरेंस खरीदारों के लिए किसी भी पहले से मौजूद बीमारी के लिए क्लेम करने से पहले उनकी चिंता को कम करता है। वेटिंग पीरियड में कमी से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस का लेंगे।
सिंघल ने कहा कि इसके अलावा मोरेटोरियम (Moratorium) पीरियड जिसे 8 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है, यह क्लेम खारिज होने के बारे में संदेह को कम करके ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ाएगा। ग्राहक के नजरिये से, छोटी वेटिंग पीरियड हमेशा बेहतर होता है क्योंकि यह अनिश्चितता को कम करता है और बीमारियों या उनके खिलाफ क्लेम के तुरंत कवरेज की अनुमति देता है।
पोर्टेबिलिटी के मामले में क्या पिछली बीमा कंपनी के साथ बिताई पॉलिसी अवधि भी होगी काउंट?
पॉलिसी एनश्योर के सीईओ और सह-संस्थापक राहुल मिश्रा ने कहा, संशोधित नीति में स्पष्ट किया गया है कि मोरटोरियम पीरियड में पोर्टेबिलिटी के मामले में पिछले बीमाकर्ताओं के तहत कवर किया गया समय भी शामिल होगा। इससे पॉलिसीधारकों को काफी फायदा होता है।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।