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Health Insurance का क्लेम खारिज नहीं कर पाएगी बीमा कंपनी, बस रखना होगा इन 10 बातों का ध्यान

बढ़ते हुए अस्पताल के खर्च के कारण स्वास्थ्य बीमा (health insurance) सभी के लिए आवश्यक हो गया है। लेकिन, स्वास्थ्य बीमा तभी सार्थक होगा, जब जरूरत पड़ने पर बीमा कंपनी आपको बिना किसी परेशानी के आपके दावे का भुगतान तुरंत कर दे। यहां यह कहना भी अनुचित नहीं होगा कि हमारे देश में बीमा कंपनी दावा देती नहीं है, अपितु दावा (health insurance claim) लेना पड़ता है। बीमा (Insurance) कराने के पहले आपको स्वास्थ्य बीमा से संबंधित संपूर्ण जानकारी होना जरूरी है, तभी आप स्वास्थ्य बीमा के एक जागरुक ग्राहक माने जाएंगे। एक जानकार, आत्मविश्वास से भरपूर स्वास्थ्य बीमा ग्राहक को बीमा कंपनी कभी भी परेशान नहीं कर सकती है।

जागरुक स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) ग्राहक बनने के लिए इन बातों की जानकारी जरूरी

  1. आप परिवार के सभी व्यक्तियों का अलग-अलग बीमा करना चाहते हैं या पूरे परिवार की एक पॉलिसी (फ्लोटर पॉलिसी) लेना चाहते हैं? फ्लोटर पॉलिसी में प्रीमियम कम होता है और एक बीमा राशि परिवार के सभी सदस्यों पर लागू होती है।
  2. आप कितनी बीमा राशि का स्वास्थ्य बीमा करना चाहते हैं, यह निर्णय करना भी आवश्यक है। जितनी ज्यादा बीमा राशि, जितनी ज्यादा उम्र, उतना ही ज्यादा प्रीमियम होगा।
  3. यदि आपके पुत्र या पुत्री किसी कंपनी में सर्विस करते हैं, तब उनकी पॉलिसी के साथ ही यदि आपका भी बीमा हो सकता है तो आपको कराना चाहिए, क्योंकि कंपनी के कारण दावा भी जल्दी सेटल हो जाता है।
  4. बहुत सारी बैंक ऐसी हैं, जिन्होंने अपने खाताधारकों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बीमा कंपनियों से ले रखी है। ये मार्केट रेट से सस्ती होती हैं और उनके टर्म्स एंड कंडीशंस भी अच्छे होते हैं। बैंक से पॉलिसी लेने से पहले विभिन्न बैंकों की वेबसाइट पर उपलब्ध पॉलिसियों की तुलना करना चाहिए।
  5. बीमा करवाते समय बीमा कंपनी के प्रस्ताव/प्रपोजल फॉर्म में अपने और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में सभी जानकारी सही लिखना आवश्यक है। वर्तमान में प्रस्तावकों को जो बीमारी है और यदि कोई ऑपरेशन हुआ है तब उन सब की जानकारी प्रस्ताव पत्र में जरूर देना चाहिए। अन्यथा क्लेम के समय बीमा आपका दावा निरस्त कर सकती है। 
  6. बीमा प्रस्ताव पत्र स्वयं भरना चाहिए और इसे एजेंट पर नहीं छोड़ना चाहिए। बीमा प्रस्ताव पत्र में हस्ताक्षर करने के पहले पूरा प्रस्ताव पत्र पढ़कर समझना चाहिए और जानकारी सही होने पर ही हस्ताक्षर करना चाहिए। बीमा कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बीमा करवाना, प्रीमियम भुगतान करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ऐसा करने से आपका प्रीमियम भी कम हो सकता है।
  7. सभी जनरल बीमा कंपनियां एवं स्वास्थ्य बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करती हैं। विभिन्न बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर, जिस तरह की पॉलिसी चाहिए उसकी तुलना करके, जिसमें प्रीमियम कम हो, टर्म एंड कंडीशंस अच्छे हों, लेना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा के संबंध में web aggregators की वेबसाइट पर भी  बीमा कंपनियों की सभी तरह की पॉलिसियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  8. बीमा करवाने के पहले बीमा पॉलिसी की प्रीमियम, बीमा राशि, कंडीशंस, एक्सक्लूजन, कवरेज अवश्य जान लेना चाहिए। पॉलिसी का पैंफलेट, ब्रोशर पूरा पढ़ना और समझना चाहिए। पॉलिसी के विषय में बीमा कंपनी की वेबसाइट पर और यदि बैंक से ले रहे हैं तब बैंक की वेबसाइट से भी जानकारी लेना चाहिए। बीमा एजेंट के कथन पर पूर्ण विश्वास नहीं करना चाहिए। पॉलिसी का प्रीमियम चेक के द्वारा कंपनी के नाम पर अथवा ऑनलाइन ट्रांसफर करके ही जमा करना चाहिए।
  9. वर्तमान में अधिकतर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां मुख्यतः हॉस्पिटलाइजेशन एवं डेकेयर प्रोसीजर्स  कवर करती हैं, ओपीडी का कवरेज नहीं होता है। हॉस्पिटलाइजेशन के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना जरूरी है। जिन बीमा पॉलिसियों में ओपीडी तथा अन्य कवरेज होता है, उनका प्रीमियम भी ज्यादा होता है।
  1. स्वास्थ्य बीमा करवाने के पहले पॉलिसी के रिनुअल के नियम, पोर्टेबिलिटी, क्लेम प्रोसीजर, ग्रीवेंस रिड्रेसल मेकैनिज्म, बीमा कंपनी का पता, फोन नंबर तथा ईमेल ऐड्रेस, बीमा दावा प्रोसेस करने वाली कंपनी TPA का पता, फोन नंबर एवं ईमेल ऐड्रेस तथा बीमा लोकपाल के विषय में भी जानकारी लेना चाहिए।

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