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म्यूचुअल फंड रिडीम कराने जा रहे हैं तो जरूर ध्यान रखें यह 5 बातें

म्‍यूचुअल फंड हमेशा लॉन्ग टर्म के लिए निवेश का साधन माना जाता है। कंपाउंडिंग रिटर्न का लाभ लेने के लिए आप इसमें जितने ज्यादा समय तक बने रहेंगे उतना ही अच्छा होता है। निवेश सलाहकार निवेशकों को कभी भी निर्धारित समय से पहले एसआईपी बंद करने की सलाह नहीं देते। हालांकि किसी आकस्मिक जरूरत के लिए रिडीम करना ही है तो इन बातों का ध्यान रखें।

बेचने का दिन और समय क्या है?

इक्विटी म्यूचुअल फंड के मामले में सेटलमेंट साइकिल टी+3 होता है। यानी ट्रेड दिन के अलावा 3 दिन रिडम्शन में लगते हैं। डेट फंड में यह समय टी+1 होता है। लेकिन यदि आपने गुरुवार या शुक्रवार को रिडम्शन एप्लिकेशन लगाई है तो आपके खाते में पैसा आने में दो दिन ज्यादा लग सकते हैं। इसके अलावा यदि बीच में कोई सार्वजनिक अवकाश पड़ गया तो और भी समय लग सकता है।

इसलिए म्यूचुअल फंड रिडीम करने के लिए सप्ताह के शुरू में आवेदन करना सही रहता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में उस दिन का यूनिट प्राइस यानी एनएवी काउंट करने का समय दोपहर के 3 बजे तक है। यानी आपने यदि 3 बजे तक ऑर्डर प्लेस किया तो आपका ट्रांजेक्शन उसी दिन की एनएवी के आधार पर प्रोसेस होगा। लेकिन यदि आपने 3 बजे के बाद ऑर्डर प्लेस किया तो आपका ऑर्डर अगले दिन की एनएवी के आधार पर प्लेस होगा। लिक्विड और ओवरनाइट फंड में कट-ऑफ टाइम दिन के 1.30 बजे है।

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फंड कैसा है?

यदि किसी ने ईएलएसएस में निवेश किया है, जिसकी लॉक-इन अवधि 3 वर्ष की होती है तो उससे पहले उसे रीडीम नहीं किया जा सकता, भले ही वह एसआईपी के जरिए खरीदा गया है। इसी प्रकार, यदि आप के पास क्लोज एंडेड फंड्स या एमएफपी हैं तो रिडम्शन केवल अवधि की समाप्ति या मैच्योरिटी पर ही हो सकता है।

कैपिटल गेन टैक्स कितना लग रहा है?

यदि इक्विटी म्यूचुअल फंड को एक वर्ष के भीतर रिडीम किया जाता है, तो इस पर 15% की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के साथ ही सरचार्ज और एजुकेशन सेस लगेगा। एक वर्ष से अधिक समय रखे गए फंड पर 1 लाख रुपए तक का कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है। अधिक पर 10% की दर से टैक्स लगता है। नॉन-इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर 20% की दर से टैक्स लागू होगा। यदि यह 3 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए रखा जाता है। यदि यह 3 वर्ष के भीतर रिडीम किया जाता है तो उस पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है।

एग्जिट लोड कितना है?

ओपन एंडेड फंड में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है। लेकिन अगर फंड को एक तय समय के भीतर रिडीम किया जाता है, तो उन पर एग्जिट लोड लगता है। लोड की अवधि और एग्जिट लोड का प्रतिशत योजना पर निर्भर करता है। आमतौर पर इक्विटी फंड में से 1 साल से पहले बाहर निकलने पर 1 फीसदी एग्जिट चार्ज लगता है। डेट फंड में अल्ट्रा-शॉर्ट और लिक्विड फंड में एग्जिट लोड शून्य होता है लेकिन क्रेडिट रिस्क फंड जैसे फंड में यह लगाया जा सकता है।

म्यूचुअल फंड कब रिडीम करना चाहिए?

आदर्श रूप से जिस वित्तीय लक्ष्य के लिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं अगर वह पूरा होता नजर आ रहा है, तो उससे कुछ समय पहले इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को रिडीम करके रकम को डेट फंड या फिक्स्ड इनकम साधनों में डालना शुरू कर दें। इससे आपका पैसा बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रहता है। जबकि, समय से पहले म्यूचुअल फंड रिडीम कराने के लिए निम्न वजहें प्रमुख हो सकती हैं।

  1. यदि फंड लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है।
  2. स्कीम के उद्देश्यों में बदलाव किया गया है।
  3. फंड मैनेजर बदला है जो आपके अनुकूल नहीं है।
  4. पोर्टफोलियो में बदलाव आपके मन मुताबिक नहीं है।
  5. पैसों की तत्काल आवश्यकता है और दूसरा विकल्प नहीं है।

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