निवेश के लिए म्यूचुअल फंड एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। किसी भी अन्य विकल्प की तुलना में बेहतर रिटर्न, पारदर्शिता, कम लागत और आसान प्रक्रिया के चलते म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आज म्यूचुअल फंड में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए हर महीने 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश आ रहा है। सात करोड़ से ज्यादा एसआईपी फोलियो हैं। संभवत: आप भी एसआईपी के जरिए निवेश कर रहे होंगे या निवेश करने की योजना बना रहे हों। ऐसे में जाहिर है आपके मन में इससे जुड़े कुछ सवाल उठते हों। हम आपको ऐसे ही पांच बड़े सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।
कितने रुपए की एसआईपी करनी चाहिए
इसका कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है। हालांकि, आप अपने लक्ष्य की भविष्य की लागत और अनुमानित रिटर्न के आधार पर इसका अंदाज लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए आपको अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए 10 साल बाद 25 लाख रुपयों की जरूरत होगी। ऐसे में 12 फीसदी सालाना रिटर्न का अनुमान लगाते हुए आप 11 हजार रुपए महीने की एसआईपी कर सकते हैं। यदि आप वर्तमान में इतनी रकम की एसआईपी नहीं कर सकते तो आप कम राशि से शुरुआत कर सकते हैं और सालाना आधार पर आय बढ़ने पर एसआईपी में हर साल इजाफा भी कर सकते हैं। इस काम के लिए आप ऑनलाइन जाकर एसआईपी कैलकुलेटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कितने फंड खरीदने चाहिए
जितनी भी राशि निवेश करनी हो उसे पांच से सात फंड में बांट देना चाहिए। पूरा निवेश सिर्फ एक या दो फंड में डाल देने से जोखिम रहता है कि यदि फंड ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो आपका निवेश नुकसान में आ जाएगा। वहीं, बहुत ज्यादा फंड में निवेश से उन्हें ट्रैक करना आसान नहीं रह जाता। फंड का चुनाव करते समय यह ध्यान में रखें उनके सेक्टर और कैटेगरी में दोहराव न हो। जहां तब संभव हो, म्यूचुअल फंड कंपनियों में भी विविधता रखने की कोशिश करें। समय के साथ-साथ, कोई नई स्कीम खरीदने के बजाय उसी फोलियो में अतिरिक्त एक मुश्त राशि जोड़ सकते हैं।
किस कैटगरी के फंड खरीदें
अपनी उम्र और जोखिम सहने की क्षमता के आधार पर इक्विटी या हाईब्रिड फंड का चुनाव करें। यदि आप ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं तो स्मॉल कैप फंड का चुनाव कर सकते हैं। इसमें रिटर्न भी सबसे अच्छा मिलता है तो गिरावट भी सबसे ज्यादा होती है। इक्विटी में सबसे कम रिस्क लॉर्ज-कैप में होता है। कोशिश करें एक विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो बनाने की। किसी भी फंड को उसके हालिया प्रदर्शन के आधार पर ना खरीदें। उनके 3, 5 या 10 साल के प्रदर्शन को देखें। जिन फंड ने लंबी अवधि में लगातार बेहतर रिटर्न दिया है और अपने बेंचमार्क को पीछे छोड़ा है, उसे खरीदें।
पोर्टफोलियो कैसे बनायें
लक्ष्य आधारित पोर्टफोलियो को बेहतर माना जाता है। लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी में एसआईपी कर सकते हैं। वहीं, छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए हाइब्रिड या डेट फंड में निवेश करना चाहिए। उदाहरण के लिए, बच्चों की उच्च शिक्षा या रिटायरमेंट के लिए इक्विटी में एसआईपी कर सकते हैं। वहीं, तीन साल बाद कार खरीदने का लक्ष्य है तो हाइब्रिड फंड में निवेश बेहतर रहेगा। कुल निवेश का 10 फीसदी निवेश आप गोल्ड में भी कर सकते हैं। इसके लिए आप गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं।
किस तारीख पर एसआईपी शुरू करें
सामान्यत: 1 या 7 एसआईपी की तारीखें होती हैं। लेकिन आप वह तारीख चुनें, जिसमें आपको सुविधा हो। आमतौर पर वेतन आने की तारीख के 5 से 7 दिन के भीतर की तारीख देना सही रहता है। इससे वेतन में एक दो दिन की देरी भी हो जाए तो भी एसआईपी बाधित होने का खतरा नहीं होता। जबकि वेतन आने के शुरुआत में ही एसआईपी की राशि कट जाने से खर्च में अनुशासन आता है। हम में से ज्यादा लोगों के पास एक से ज्यादा बैंक खाते होते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि जब भी आपके बैंक खाते से एसआईपी के लिए राशि निकले तो आपके पास उसमे पर्याप्त राशि हो।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।