जब मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तब निवेशक ऐसे फंड की तलाश करते हैं जो उतार-चढ़ाव में भी स्थिर रिटर्न दे सकें। मल्टी नेशनल कॉरपोरेशन फंड (MNC Fund) ऐसा ही एक निवेश साधन है। इन स्कीमों में भारत में लिस्टेड विदेशी प्रमोटर्स वाली कंपनियों के डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो होते हैं।
बीते वित्त वर्ष में इन स्कीमों ने औसतन 30.7% रिटर्न दिया है। हालांकि इसी अवधि में फ्लेक्सीकैप फंडों ने 41% और लार्जकैप फंडों ने 42.5% का रिटर्न दिया है। हालांकि लॉन्ग टर्म यानी 2007 से 2023 के बीच निफ्टी एमएनसी ने निफ्टी 50 से बेहतर प्रदर्शन किया है।
कहां निवेश करते हैं MNC Fund?
भारत में मुख्य रूप से एमएनसी स्कीमों का निवेश एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर, केमिकल, सीमेंट, आईटी और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे सेक्टर में है। इनमें लार्ज, मिड और स्मॉलकैप कंपनियां शामिल हैं। एमएनसी फंड ऐसी बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी ग्लोबल कैपिटल और टेक्नोलॉजी तक पहुंच होती है। उन पर कर्ज कम होता है और उनका मैनेजमेंट बेहतर होता है।
क्या है MNC Fund की खासियत?
एमएनसी शेयरों पर केंद्रित इक्विटी स्कीमों में बेहतर डाइवर्सिफिकेशन होता है। उदाहरण के लिए, फ्लेक्सीकैप, स्कीमों ने औसतन अपना एक चौथाई हिस्सा फंड फाइनेंशियल शेयरों को एलोकेट किया है, जबकि एमएनसी फंडों ने केवल 1-2% फंड इनमें लगाया है। एमएनसी फंडों के पास उपभोक्ता सामान, हेल्थकेयर और कैपिटल गुड्स सेक्टर के शेयर टॉप होल्डिंग्स हैं। इसलिए, यदि फाइनेंशियल मार्केट अस्थिर हो जाता है तो ये फंड मजबूत रक्षात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
किन्हें करना चाहिए MNC Fund में निवेश
जिन निवेशकों के पास पहले से ही एक बड़ा कोर इक्विटी पोर्टफोलियो है, वे डाइवर्सिफिकेशन के लिए MNC Fund में कुछ पैसा लगा सकते हैं। ये थीमैटिक फंड हैं इसलिए अपेक्षाकृत सुरक्षित हो सकते हैं क्योंकि बिजनेस अपनी कमाई की कंपाउंडिंग अच्छी तरह करते हैं। पांच साल तक का होराइजन रखने वाले कंजर्वेटिव इन्वेस्टर MNC Fund पर विचार कर सकते हैं। अपने इक्विटी पोर्टफोलियो का 10% तक ऐसी स्कीमों में एलोकेट कर सकते हैं।
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