नई दिल्ली: सरकार ने फाइनेंस बिल में संशोधन करते हुए रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है। अब संपत्ति की बिक्री पर करदाता इंडेक्सेशन के साथ 20% लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (पुरानी व्यवस्था) या बिना इंडेक्सेशन लाभ के 12.5% टैक्स की नई व्यवस्था में से कोई भी विकल्प चुन सकेंगे।
फाइनेंस बिल में संशोधन के जरिए यह बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति के खरीद पर ही लागू होगा। साथ ही, यह राहत केवल रेसिडेंट व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए ही उपलब्ध है। गैर-निवासी व्यक्ति, कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी आदि के लिए यह लाभ नहीं होगा।
इससे पहले, 23 जुलाई को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि लांग टर्म कैपिटल गेन में से इंडेक्सेशन का लाभ हटा दिया गया है और उसकी दर 20% से हटाकर 12.5% कर दी गई है। इसका रियल एस्टेट सेक्टर विरोध कर रहा था।
देश के प्रमुख डेवलपर डॉ. हिरानंदानी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि करदाताओं को रियल एस्टेट लेनदेन पर लांग टर्म टैक्स की गणना या तो 12.5% बिना इंडेक्सेशन के या 20% इंडेक्सेशन के साथ करने का विकल्प दिया गया है। यह राहत 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर लागू होती है। हीरानंदानी ने कहा कि करदाता नई और पुरानी योजनाओं के बीच कम टैक्स भार वाला विकल्प चुन सकेंगे।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।