शेयर बाजार में फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग में बेतहाशा बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने के लिए वायदा और विकल्प पर कार्य समिति (Working Committee on Futures and Options) ने कुछ कड़े कदम उठाने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने मौजूदा ₹5 लाख की न्यूनतम लॉट वैल्यू को बढ़ाकर ₹20 लाख से ₹30 लाख करने की सिफारिश की है। साथ ही, कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि हर एक स्टॉक एक्सचेंज में हर हफ्ते केवल एक ही साप्ताहिक ऑप्शन (Weekly Option) की अनुमति दी जाए और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए स्ट्राइक प्राइसों की संख्या को भी सीमित कर दिया जाए।
बता दें, कोविड के बाद देश में फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि इस बढ़ोतरी की वजह से शेयर बाजार में अस्थिरता आ रही है और छोटे निवेशकों को नुकसान हो सकता है। कमेटी की ये सिफारिशें उसी दिशा में उठाए गए कदम हैं, ताकि बाजार में स्थिरता बनाई रखी जा सके।
न्यूनतम लॉट वैल्यू बढ़ाने से फायदा यह होगा कि कम पूंजी वाले निवेशक वायदा और विकल्प कारोबार में शामिल होने से बचेंगे। इससे बाजार में सट्टेबाजी (Speculation) कम होगी और वास्तविक निवेश (Investment) बढ़ेगा।
साथ ही, साप्ताहिक ऑप्शन की संख्या को सीमित करने से भी अस्थिरता कम होगी, क्योंकि निवेशकों के पास कम समय सीमा (Time Frame) के दांव लगाने का विकल्प कम हो जाएगा। स्ट्राइक प्राइसों की संख्या कम करने से भी जटिलता कम होगी और निवेशकों को सही ऑप्शन चुनने में आसानी होगी।
F&O का यह नियम कब से होगा लागू?
F&O को लेकर की गई इन सिफारिशों को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सेबी (SEBI) इन सिफारिशों पर विचार करेगा और उसके बाद ही कोई नया नियम लागू किया जाएगा। अगर ये सिफारिशें लागू हो जाती हैं, तो वायदा और विकल्प कारोबार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
डिस्क्लेमर: इस खबर को लिखने में एआई की सहायता ली गई है। हालांकि, इसके तथ्यों को लेखक द्वारा सत्यापित किया गया है।
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