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Market crash: शेयर बाजार में आखिर क्यों मचा कोहराम? जानें अंदर की बात

मुंबई। बुधवार को भारतीय बाजारों ने लंबे समय बाद बड़ी गिरावट (market crash) का मंजर देखा। सेंसेक्स 1.2% की गिरावट के साथ 73,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 72,762 पर बंद हुआ। निफ्टी में 1.5% की गिरावट आई और यह 22,000 अंक से नीचे 21,998 पर बंद हुआ। एक दिन में 1100 शेयरों में निचला सर्किट लगा। बाजार में कारोबार करने वाले 3,976 शेयरों में से 3,512 (88%) में गिरावट आई। 253 स्टॉक 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए। 

आखिर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट (market crash) कैसे आ गई? 

जानकारों के मुताबिक, भारतीय बाजार कुछ हफ्तों से रिकॉर्ड ऊंचाई पर बने हुए थे। इधर, अमेरिका में महंगाई में बढ़ोतरी के बाद वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की योजना पर अनिश्चितता बढ़ गई। इससे निवेशकों का सेंटीमेंट प्रभावित हुआ और बाजार में गिरावट का माहौल बन गया। निवेशकों ने जितना भी मुनाफा हो रहा था, उसे वसूल कर बाजार से निकने में भलाई समझी। इसके चलते बाजार में चौतरफा गिरावट आ गई।  

बाजार नियामक सेबी की कार्रवाई का सामना कर रहे मिडकैप और स्मॉल कैप में गिरावट और भी ज्यादा हुई। मिडकैप और स्मॉल कैप कैटेगरी के 1100 शेयरों में निचला सर्किट लग गया। इसके चलते निफ्टी मिडकैप-100 और निफ्टी स्मॉलकैप-100 में क्रमश: 4.4 फीसदी और 5.3 फीसदी आई। 

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका कहते हैं, भारत और अमेरिका में महंगाई के आंकड़े उम्मीद से थोड़ा नीचे आए, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ। मिड और स्मॉल-कैप में देखी गई भारी बिकवाली के बीच बाजार अपनी गति बरकरार रखने में विफल रहे। 

खेमका के मुताबिक, सेबी की ओर से चल रही जांच, म्यूचुअल फंड के स्ट्रेस टेस्ट लंबित नतीजे और पिछले कुछ महीनों में आई रैली के बाद महंगे मूल्यांकन के कारण मुनाफावसूली हुई। 

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एचडीएफसी सिक्युरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी के मुताबिक, निवेशक हाल के सौदे में हुए घाटे की भरपाई के लिए जो भी मुनाफा बचा था उसे लेने के लिए दौड़ पड़े। इससे बाज़ार गंभीर बिकवाली दबाव में आ गया। दूसरे इंडेक्स निफ्टी की तुलना में कहीं अधिक गिर गए। तेजी और गिरावट का अनुपात 0.07:1 पर आ गया, जो कई तिमाहियों में सबसे कम था।

जसानी के मुताबिक, वैश्विक शेयरों में बुधवार के कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। वॉल स्ट्रीट पर रिकॉर्ड रैली से बना उत्साह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। निवेशकों को अब इस सप्ताह आने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का इंतजार है। 

वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि लंबे समय तक उच्च वैल्यूएशन के कारण मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो प्रतिकूल हो गया था, इसने भी गिरावट को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई।

नायर ने कहा कि अमेरिकी महंगाई दर में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं आने से फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती करने की संभावनाओं पर संदेह पैदा कर दिया है। हालांकि भारत में महंगाई में नरमी के संकेत साफ दिख रहे हैं। इन सब के बीच वैश्विक कमोडिटी कीमतों में नरमी का रुझान केंद्रीय बैंकों को 2024 की दूसरी छमाही में दरों में कटौती पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जो इक्विटी के लिए सकारात्मक हो सकता है।

अब कैसी रहेगी शेयर बाजार (Market Outlook) की चाल?  

विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ समय तक बाजार में गिरावट (market crash) का रुख बना रह सकता है। दीपक जसानी के मुताबिक, निफ्टी ने 13 मार्च को एक लॉन्गरेंज बियर कैंडल बनाया। अगर निफ्टी में तेजी जारी रहती है तो 21750-21860 बैंड को बचाए करना महत्वपूर्ण होगा। निफ्टी के लिए 22400-22460 के स्तर को निकट अवधि में तोड़ना कठिन हो सकता है। 

वहीं, खेमका ने कहा कि हमें उम्मीद है कि निफ्टी के प्रमुख सपोर्ट स्तर ~21500 के साथ निकट अवधि में बाजार में सुस्ती जारी रहेगी। अब निगाहें थोक महंगाई दर पर होगी, जिसके आंकड़े गुरुवार को जारी होंगे।

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