मुंबई। टॉप देसी और विदेशी ब्रोकिंग कंपनियों और फंड हाउसेस ने अपने रिसर्च के आधार पर घरेलू शेयर बाजारों में शेयर खरीदने और बेचने की सलाह (Share to buy) जारी की हैं। इनमें सिटी, सीएलएसए और एचएसबीसी जैसी कंपनियां शामिल हैं। मनीलाभ डॉट कॉम आपके लिए लेकर आया है, आज की टॉप कॉल्स। आइए इस सूची पर नजर डालते हैं।
Maruti Suzuki
CLSA ने मारुति सुजुकी पर “आउटपरफॉर्म” रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस ₹12,890 रखा है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कंपनी को सीएनजी और हाइब्रिड गाड़ियों के बाजार हिस्से में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा, जो इलेक्ट्रिक वाहनों में कमजोर स्थिति की भरपाई कर सकता है।
LTImindtree
जेफरीज ने एलटीआई माइंडट्री पर “बाय” रेटिंग को बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस घटाकर ₹5,890 कर दिया है। कंपनी के सीएफओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे से विलयीकरण के बाद तालमेल की समस्याओं का संकेत मिलता है, जिससे राजस्व में तालमेल बनने में देरी हो सकती है।
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Mahindra & Mahindra
एचएसबीसी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा पर “बाय” रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस बढ़ाकर ₹2,300 कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अगर कंपनी अपने फार्म और ऑटो बिजनेस को अलग करती है, तो इससे निवेशकों के लिए अच्छा लाभ हो सकता है। साथ ही ट्रैक्टर की मांग में बढ़ोतरी से कंपनी के संचालन में भी सुधार होगा।
HDFC Bank
CLSA ने एचडीएफसी बैंक को “बाय” से घटाकर “आउटपरफॉर्म” रेटिंग पर रखा है और टारगेट प्राइस ₹2,050 से घटाकर ₹1,650 कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि बैंक को जमा पर ब्याज दरों और मुश्किल आर्थिक माहौल जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी तेल कंपनियां
सिटी का मानना है कि सरकार द्वारा घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में ₹100 की कटौती से ओएमसी (BPCL, HPCL) को नुकसान हो सकता है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म का सरकारी तेल कंपनियों पर सकारात्मक रुख बना हुआ है और किसी भी गिरावट को खरीदारी का मौका माना जा सकता है।
GAIL
CLSA ने गेल पर “बेचें” की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹165 रखा है। वहीं, जेफरीज ने “अंडरपरफॉर्म” रेटिंग के साथ टारगेट प्राइस ₹150 रखा है। हालांकि, गेल हरित हाइड्रोजन और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कदम बढ़ा रही है।
BHEL
एंटीक ने भेल पर “खरीदें” की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹299 तक बढ़ा दिया है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कंपनी को ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
बैंक
बर्नस्टीन का मानना है कि निजी बैंकों में वापसी का समय आ गया है। पिछले तीन वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन अब निजी बैंकों की स्थिति मजबूत दिख रही है।
डिस्क्लेमर: यह वित्तीय फर्मों की राय हैं और आपको निवेश का कोई भी फैसला लेने से पहले अपना रिसर्च करना चाहिए या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।