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एक्जिट पोल में NDA को प्रचंड बहुमत, बाजार पर इसके असर को लेकर क्या बोल रहे विशेषज्ञ

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद जारी हुए एक्जिट पोल (Exit poll 2024) में एनडीए को प्रचंड बहुमत का अनुमान जताया गया है। सभी एग्जिट पोल का औसत देखें तो भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए (NDA) को लगभग 370 सीटें मिलने का अनुमान है। एनडीए ने 2019 में 353 सीटें जीती थीं। 

टुडेज चाणक्य, जिसने 2014 की सीटों की सही भविष्यवाणी की थी, उसने एनडीए के लिए 400 सीटों का अनुमान लगाया है। जबकि 2019 की सटीक भविष्यवाणी करने वाली और अब तक 69 पोल में से 64 की सही भविष्यवाणी करने का ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाली एक्सिस एमवाई इंडिया के एग्जिट पोल ने एनडीए को 400 सीटों तक का अनुमान दिया है।

12 में से एक भी एक्जिट पोल नहीं दे रहा एनडीए को कम सीटें

वित्तीय सेवा कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने जिन 12 एग्जिट पोल का विश्लेषण किया, उनमें से कोई भी प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के लिए हार या मामूली बहुमत की भविष्यवाणी नहीं कर रहा है। 

एनडीए के लिए सबसे कम सीटों का अनुमान दैनिक भास्कर का है, लेकिन वह भी 316 सीटों का है, जो कि बहुत के लिए आवश्यक 272 सीटों से काफी अधिक है। इन 12 एग्जिट पोल में अनुमानित एनडीए की सीटों का अनुमान 316 सीटों से लेकर 400 पार तक है।

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बाजार विशेषज्ञ देवेन चौकसी के मुताबिक, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश में कई प्रगतिशील सुधार होने की उम्मीद है। राजनीतिक रूप से भाजपा और एनडीए को यह बहुमत एकजुट विपक्ष के अंत का भी संकेत देता है। 2029 तक की अवधि में विपक्षी नेताओं की दो पीढ़ियाँ बाहर हो जाएंगी।

चौकसी ने कहा कि आर्थिक रूप से भारत अब बहुत तेज़ी से बढ़ेगा। चाहे CBDC हो, या ONDC और या फिर वैश्विक व्यापार के लिए भुगतान के डी-डॉलरीकरण जैसे सुधार ये सभी भारत की तरक्की में योगदान देंगे। इन सबको देखते हुए बाजार उत्साहित है, क्योंकि ये सुधार इंडिया इंक के लिए अनुमानित आय वृद्धि उत्पन्न करेंगे। 

मोतीलाल ओसवाल भी इसे बाजार के लिए बेहद सकारात्मक मान रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल अपनी इंडिया स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में कहते हैं, प्रधानमंत्री मोदी की जीत अर्थव्यवस्था और पूंजी बाजारों के लिए शुभ संकेत है। यह एक पार्टी की बहुमत वाली सरकार के साथ नीति-निर्माण में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करती है।

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शेयर बाजार में हाल में राजनीतिक अनिश्चितता के बारे में कुछ चिंता और घबराहट दिखाई दी थी, जिसके चलते अप्रैल और मई में अस्थिरता में तेज वृद्धि हुई थी। लेकिन एनडीए को प्रचंड जनादेश के साथ बाजार राहत की सांस लेगा और सामान्य कारोबार की ओर वापस लौटेगा। 

मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, भारत अपने खुद के मिनी-गोल्डीलॉक्स पल का गवाह बन रहा है, जिसमें बेहतरीन मैक्रो इकोनॉमिक कंडीशन (8.2% की जीडीपी वृद्धि, 5% महंगाई दर, चालू खाता और राजकोषीय घाटा दोनों नियंत्रण के भीतर आदि), ठोस कॉर्पोरेट आय (निफ्टी में 2024 में 25% आय वृद्धि), विनिर्माण, पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है। ऐसे दौर में राजनीतिक स्थिरता और नीति-निर्माण में निरंतरता केक पर एक आइसिंग की तरह काम करेगी और भारत को सभी की नज़रों का केंद्र बनाए रखेगी।

एक्जिट पोल: किन शेयरों और सेक्टर पर निवेश करने की सलाह

एक्जिट पोल रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि हम फाइनेंशियल, कंजम्प्शन, इंडस्ट्री और रियल एस्टेट पर ओवरवेट हैं। औद्योगिक, उपभोक्ता विवेकाधीन, रियल एस्टेट और PSU बैंक हमारे प्रमुख पसंदीदा निवेश विषय हैं। लार्ज कैप में हमारे पसंदीदा स्टॉक आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एलएंडटी, कोल इंडिया, एमएंडएम, अदानी पोर्ट्स, एबीबी, एचपीसीएल और हिंडाल्को हैं, जबकि मिडकैप में इंडियन होटल्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ग्लोबल हेल्थ, केईआई इंडस्ट्रीज, पीएनबी हाउसिंग, सेलो वर्ल्ड और किर्लोस्कर ऑयल शामिल हैं।

वहीं, एचडीएफसी सिक्युरिटीज के सीईओ धीरज रेल्ली अब भी थोड़ा सतर्कता बरत रहे हैं। रेल्ली कहते हैं, अधिकांश एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए गठबंधन 350-370 सीटों के साथ समाप्त हो सकता है, जो तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है।  यह संख्या 2019 के लगभग समान है और गठबंधन के 400+ लक्ष्य से कम है।

एक्जिट पोल से अलग भी हो सकती हैं वास्तविक सीटें, इसलिए सावधानी जरूरी: रेल्ली

रेल्ली ने कहा कि 4 जून को मतगणना के दिन वास्तविक सीटों की संख्या एक्जिट पोल से थोड़ी अलग हो सकती है। हमें दोनों गठबंधनों द्वारा वोट शेयर में सटीक लाभ या हानि की भी जांच करनी होगी। जब तक हमें कोई आश्चर्य नहीं मिलता, तब तक भारतीय बाज़ार इन संख्याओं पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं कर सकते हैं। 

रेल्ली कहते हैं, किसी भी मामले में निराशा या उत्साह कुछ दिनों में शांत हो सकता है, और ध्यान नई सरकार के पहले 100 दिनों में नीति घोषणाओं पर केंद्रित हो सकता है। यह तथ्य कि भाजपा सत्ता में वापस आ सकती है, सुधार प्रक्रिया को जारी रखने और तेज़ करने के लिए अच्छा है।

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