मुंबई। घरेलू बाजार के साथ पूरी दुनिया के शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। बीएसई का सेंसेक्स 2222 अंक और एनएसई का निफ्टी 662 अंक टूट कर बंद हुआ। जापान के निक्केई में तो एक दिन में -14.15 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों में भी एक से 10 फीसदी के बीच गिरावट दर्ज हुई।
विशेषज्ञों की मानें तो एक साथ कई वजहें जमा होने से दुनियाभर के बाजारों में यह कोहराम मचा। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंता, मध्य पूर्व का तनाव, जापान का सरप्राइज़, ओवरवैल्यूएशन और वैश्विक अस्थिरता इसकी मुख्य वजहे हैं।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका:
अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर 4.3% पर पहुंच गई है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका बढ़ गई है। गोल्डमैन सैक्स ने अगले 12 महीनों में मंदी की संभावना को 15% से बढ़ाकर 25% कर दिया है। इसने निवेशकों की चिंता को बढ़ाया है।
ईरान की ओर से इजराइल पर हमले की आशंका:
इज़राइल द्वारा हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनीयेह की हत्या के बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई है। इस घटना ने मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है। वैश्विक स्तर पर निवेशक इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।
जापानी येन की कीमत मे इजाफा:
जापान के केंद्रीय बैंक ने अप्रत्याशित रूप से ब्याज दर में बढ़ोतरी की है, जिससे येन की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है। येन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2.94% बढ़कर जनवरी 2024 के बाद के उच्चतम स्तर 142.22 पर पहुंच गया है। इससे वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मची है और कैरी ट्रेडर्स को भारी नुकसान हुआ है।
भारतीय बाजार का ओवरवैल्यूएशन:
भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन काफी अधिक हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में सुधार आ सकता है। मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट के साथ-साथ रक्षा और रेलवे जैसे सेक्टर ओवरवैल्यूड हो गए हैं। निफ्टी का पीई रेश्यो 23.1 पर है, जो इसके दो साल के औसत 21.9 से अधिक है।
वैश्विक स्तर पर असर:
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स मंदी की आशंकाओं के बीच 103 के नीचे आ गया है। कमज़ोर अमेरिकी नौकरी के आंकड़े और जापान की ब्याज दर में बढ़ोतरी से येन को और मज़बूती मिली है। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी गिरावट देखी गई है, जहां S&P 500 और Nasdaq क्रमशः 1.84% और 2.43% गिर गए हैं।
एचडीएफसी सिक्युरिटीज के सीईओ धीरज रेल्ली कहते हैं, निफ्टी के सुधार के लिए वैश्विक सेंटिमेंट का स्थिर होना जरूरी है। वैश्विक मंदी की आशंकाओं के चलते सभी साइकिल और यहां तक कि आईटी शेयरों पर बिकवाली का दबाव रहा है।
रेल्ली सलाह देते हुए कहते हैं, ट्रेडर्स छोटे-छोटे लाभ के लिए नीचे से खरीदना शुरू कर सकते हैं, हालांकि स्टॉपलॉस बहुत जरूरी है। निवेशक कुछ स्थिरता की प्रतीक्षा कर सकते हैं। जोखिम से बचने वाले निवेशक आंशिक रूप से प्रॉफिट बुकिंग कर अपने इक्विटी पोर्टफोलियो को कम कर सकते हैं। वे कुछ समय के लिए नकदी पर बैठ सकते हैं और फिर उचित मूल्य पर वापस खरीदारी कर सकते हैं।
मनीलाभ डॉट कॉम में एसोसिएट एडिटर। बिजनेस पत्रकारिता में डेढ़ दशक का अनुभव। इससे पहले दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और लोकमत समाचार में बिजनेस बीट कवर कर चुके हैं। जब बिजनेस की खबरें नहीं लिख रहे होते तब शेर और कहानियों पर हाथ आजमा रहे होते हैं।