Income tax calculation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव की घोषणा की, जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया। न्यू टैक्स रिजीम के बदलावों में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नए आयकर स्लैब और मानक कटौती में बढ़ोतरी शामिल है।
इसके अलावा, मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। साथ ही 5% कर दर के लिए टैक्स स्लैब की सीमा को 5 लाख रुपये से बदलकर 7 लाख रुपये कर दिया गया। उम्मीद के मुताबिक पुरानी आयकर व्यवस्था में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई क्योंकि सरकार नई व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहती है। नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब इस प्रकार हैं:
एक लाख रुपए तक सेलरी पर दोनों टैक्स रिजीम में किसमें फायदा
सृजन सिंह की मासिक आय एक लाख रुपए है। वह सालाना 2 लाख रुपए होम लोन भरते हैं और उनकी 80सी की 1.50 रुपए की लिमिट पूरी भरी है। आइए जानते हैं, उन्हें किस टैक्स रिजीम में कम टैक्स भरना पड़ेगा।
न्यू टैक्स रिजीम
सृजन की सालाना आय 12 लाख रुपए है। न्यू टैक्स रिजीम में सिर्फ 75 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट मिलेगी। यानी टैक्सेबल इनकम होगा 11.25 लाख रुपए।
ओल्ड टैक्स रिजीम
ओल्ड टैक्स रिजीम में सृजन को 50 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा होम लोन के 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर और 80सी के तहत डेढ़ लाख की छूट मिलेगी। यानी कुल छूट 4 लाख की होगी और 8 लाख रुपए की टैक्सेबल इनकम बनेगी। आइए देखते हैं, इस पर कितना टैक्स भरना होगा।
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, अगर आपको अभी पुरानी व्यवस्था में बने रहने का औचित्य सिद्ध करना है, तो आपको ₹4.75 लाख रुपये से ज़्यादा की कुल कटौती की ज़रूरत है। यह कटौती आपके लिए उपलब्ध सभी कटौतियों के संयोजन में प्राप्त की जा सकती है।
उदाहरण के लिए, होम लोन की कटौती मूलधन भुगतान के लिए 80C के तहत ₹1.5 लाख और ब्याज के लिए 24B के तहत ₹2 लाख हो सकती है। आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए ₹1 लाख तक की 80D कटौती जोड़ सकते हैं। 80CCD के तहत NPS कटौती, किराए के भुगतान के लिए HRA, किराए पर दी गई संपत्ति पर ऋण के लिए ब्याज कटौती और 80G-पात्र चैरिटी को दान भी शामिल है।
शेट्टी ने कहा कि इन सभी कटौतियों को जोड़कर, अगर आप 4.75 लाख से ज़्यादा की कुल कटौती करने में सक्षम हैं, तो पुरानी व्यवस्था में रहना आपके लिए बेहतर है। यदि आप इस संख्या तक नहीं पहुंच सकते हैं, तो आपके लिए नई व्यवस्था बेहतर है, जहां कर-मुक्त आय, मानक कटौती और कर स्लैब में वृद्धि प्रदान की गई है।
मनीलाभ डॉट कॉम में एसोसिएट एडिटर। बिजनेस पत्रकारिता में डेढ़ दशक का अनुभव। इससे पहले दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और लोकमत समाचार में बिजनेस बीट कवर कर चुके हैं। जब बिजनेस की खबरें नहीं लिख रहे होते तब शेर और कहानियों पर हाथ आजमा रहे होते हैं।