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सेलरी के अलावा कोई आय है तो उसे Income Tax Return में बताना जरूरी क्यों है?

यदि आप आय का कोई स्रोत सरकार से छुपाना चाहते हैं तो इस बात की पूरी आशंका है कि कामयाबी न मिले और आयकर विभाग के नोटिस का सामना करना पड़ जाए।

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने से पहले आपको को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपने सभी तरह की आय का जिक्र इसमें कर दिया है। असल में आयकर विभाग को नियोक्ता के वेतन प्रमाण पत्र (Form-16) के अलावा कई अन्य स्रोतों से भी करदाताओं के लेनदेन की पूरी जानकारी मिलती रहती है। बैंक, वित्तीय संस्थाएं व ‘एन्युअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न’ (AIR) और ‘स्पेसिफाइड फाइनेंशियल रिटर्न’ (SFT) इनमें शामिल हैं।

यदि आप आय का कोई स्रोत सरकार से छुपाना चाहते हैं तो इस बात की पूरी आशंका है कि कामयाबी न मिले और आयकर विभाग के नोटिस का सामना करना पड़ जाए। इसलिए वेतन के अलावा भी यदि कोई आय होती हो तो उसका जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर करें। इस खुशफहमी में न रहें कि फॉर्म-16 में आय के जो आंकड़े हैं, सिर्फ उसे ही दर्शाना है। आप बताएं या न बताएं, आयकर विभाग सब जानता है।

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आयकर विभाग के पास हर व्यक्ति के बड़े लेनदेन से जुड़ी ज्यादातर सूचना उपलब्ध रहती है। जैसे ही करदाता अपनी आय से जुड़े विवरण मुहैया कराता है वैसे ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का पोर्टल करदाता द्वारा फाइल की गई सारी जानकारी का मिलान विभाग के पास उपलब्ध सूचनाओं से करता है। यदि कोई अंतर पाया जाता है तो विभाग नोटिस जारी करके पूछताछ कर सकता है।

आयकर विभाग के पास होती है करदाता से जुड़ी ये जानकारियां

  1. बैंक या पोस्ट ऑफिस बचत खाते में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या अधिक की नकद जमा
  2. एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपए या अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट या 1 लाख से अधिक का कैश में क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट
  3. एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपए या अधिक का म्यूचुअल फंड में निवेश
  4. एक वित्त वर्ष में 5 लाख या अधिक का बॉन्ड या डिबेंचर में निवेश
  5. 1 लाख रुपए या अधिक का शेयर-आईपीओ में किया गया निवेश
  6. 30 लाख रुपए या इससे अधिक मूल्य की स्थाई संपत्ति की खरीदारी
  7. लिस्टेड सिक्युरिटिस या म्यूचुअल फंड बेचने से हुई पूंजीगत आय
  8. कंपनियों से मिले डिविडेंड से हुई आय
  9. बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं में जमा रकम पर ब्याज से आय
  10. एक वित्त वर्ष में 10 लाख या अधिक की विदेशी मुद्रा की खरीद
  11. 2 लाख रुपए से ज्यादा की किसी वस्तु की नगद खरीदारी
  12. एक वित्त वर्ष में 10 लाख या अधिक के कैश में लिए गए बैंक डिमांड ड्राफ्ट/पे ऑर्डर/बैंकर्स चेक

आईटीआर फाइल करने से पहले इनका भी रखें ध्यान

  1. फॉर्म 26 एएस में दर्शाई गई सारी इनकम रिटर्न में शो कर दी गई है
  2. टीडीएस सर्टिफिकेट्स और फॉर्म 26 एएस के टीडीएस फिगर का मिलान कर लिया गया है
  3. प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, पेंटिंग्स आदि बेचने से हुए कैपिटल गेन्स का जिक्र कर दिया गया है
  4. वित्त वर्ष में जो एलिजिबल इन्वेस्टमेंट किए गए हैं, उनकी पूरी छूट ले ली गई है
  5. डिविडेंड की 5000 रुपए से ज्यादा इनकम टैक्सेबल है, लिहाजा ऐसी आय अदर सोर्सेस इनकम में शो कर दी गई है
    सारे बैंक खाते आयकर विवरणी में दिखा दिए गए हैं।
  6. 18 साल से कम उम्र के बच्चे की आय (यदि हो तो) का जिक्र कर दिया गया है।
  7. वित्त वर्ष में यदि कोई ऐसी आय हुई है, जो एक्सम्पट इनकम यानी टैक्स-फ्री है, तो उसकी जानकारी दे दी गई है।

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