Big achievement: उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह की जिंक-सीसा-चांदी कारोबार से जुड़ी कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक बन गई है। कंपनी की सिंदेसर खुर्द खदान अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक खदान बन गई है, जो पिछले साल चौथे स्थान पर थी। ‘द सिल्वर इंस्टीट्यूट’, यूएसए की ओर से आयोजित वर्ल्ड सिल्वर सर्वे-2024 में यह जानकारी दी गई है।
हिंदुस्तान जिंक की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, चांदी वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमारा हालिया रिकॉर्ड 746 मीट्रिक टन चांदी उत्पादन आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करता है। हिंदुस्तान जिंक के उत्पादन में साल-दर-साल 5% की वृद्धि का श्रेय अयस्क उत्पादन में वृद्धि और उन्नत श्रेणी को दिया जाता है, जिससे वैश्विक चांदी बाज़ार में प्रमुख इकाई के रूप में इसकी स्थिति मज़बूत हुई है।
पूरी दुनिया में चांदी की इंडस्ट्रियल मांग तेजी से बढ़ रही है। सौर ऊर्जा में इसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल अप्लायंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स, टचस्क्रीन, सर्किटरी और कनेक्टर्स में भी चांदी का खासा इस्तेमाल होता है। 2024 में चांदी के आभूषण निर्माण में 4% की रिकवरी की उम्मीद है। चांदी के बर्तनों की मांग में 7% की वृद्धि का अनुमान है।
बता दें, चांदी की कीमतों ने तेजी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चांदी 75630 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 85000 रुपये पर पहुंच गई है। ये अब तक रिकॉर्ड है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रिकार्ड यहीं थमने वाला नहीं है। चांदी कीमतों में अभी तेजी जारी रहेगी।
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर टेक्निकल रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट वैशाली पारेख के मुताबिक, कुछ समय पहले हमने 75630 रुपये के स्तर के आसपास चांदी पर अपना व्यू दिया था। 78200 के ऊपर ब्रेकआउट देने के बाद, चांदी 85000 रुपये पर पहुंच गई है। 81000 रुपये की ओर थोड़ा करेक्शन के बाद, चांदी अब हमारे अगले लक्ष्य 93500 रुपये के लिए तैयार है।
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