देश के पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गुरुवार को अपंजीकृत फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स या finfluencers पर बड़ा एक्शन लिया। सेबी ने अपने रेगुलेशन में आने वाली सभी संस्थाओं को ऐसे फिनफ्लुएंसर’ के साथ काम करने से रोक दिया है। इसके अलावा, इनसे जुड़े बुनियादी नियम भी तय कर दिए हैं।
सेबी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि सेबी द्वारा विनियमित संस्थाओं और उनके एजेंटों को सेबी की अनुमति के बिना वित्तीय सलाह देने वाले या प्रदर्शन संबंधी दावे करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ने से प्रतिबंधित किया जाता है। इसमें किसी भी तरह का मौद्रिक लेनदेन, क्लाइंट रेफ़रल या आईटी सिस्टम इंटरैक्शन शामिल है।”
पंजीकृत संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके सहयोगी ऐसी प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल न हों। इस संस्थाओं में स्टॉक एक्सचेंज से लेकर ब्रोकर, म्यूचुअल फंड कंपनियां आदि शामिल हैं।
बता दें, देश में डिजिटल क्रांति में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से निवेश, वित्त और रियल एस्टेट जैसे विषयों पर सलाह देने वाले सैकड़ों फिनफ़्लुएंसर का भी उदय हुआ है। इन्होंने अपने फ़ॉलोअर्स के वित्तीय निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। लेकिन, ऐसे फिनफ़्लुएंसर पर लोगों को गुमराह करने के भी आरोप लगे।
इंडस्ट्री का SEBI के फैसले पर कैसा रहा रिएक्शन?
यस सिक्योरिटीज एमडी और सीईओ अंशुल अरज़ारे ने SEBI के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वित्तीय मध्यस्थों के रूप में बिना किसी पक्षपात के तटस्थता से ग्राहकों की सहायता करना हमारी ज़िम्मेदारी है। अपंजीकृत फिनफ़्लुएंसर के साथ जुड़ना इसे कमज़ोर करता है और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है। हम सेबी की पहल का पूरा समर्थन करते हैं।
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