Consumer court: देश की सभी उपभोक्ता अदालतों में अब ऑनलाइन सुनवाई की जा सकेगी। 15 अप्रैल से इसकी शुरुआत होगी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने इन सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। एनसीडीआरसी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का शीर्ष अपीलीय निकाय है, जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को रिपोर्ट करता है।
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अंग्रेजी अखबार मिंट की खबर के मुताबिक, इस फैसले से उपभोक्ताओं के लिए अपनी शिकायतों का समाधान करना आसान हो जाएगा और उनका समय और पैसा बचेगा। देशभर में 35 राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एससीडीआरसी) और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की 10 पीठें मौजूद हैं।
एनसीडीआरसी ₹2 करोड़ (मुआवजे में) से अधिक के मामलों को संभालता है, जबकि एससीडीआरसी ₹50 लाख से ₹2 करोड़ के बीच के मामलों को संभालता है। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (डीसीडीआरसी) के पास उन मामलों पर अधिकार क्षेत्र है, जिनमें मुआवजे में ₹50 लाख तक का प्रावधान है।
उपभोक्ता अदालतों में फिलहाल हाइब्रिड मोड में मामलों की सुनवाई होगी। वकीलों और शिकायतकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने पर भी भौतिक अदालत में लागू होने वाले सभी शिष्टाचार और प्रोटोकॉल को बनाए रखना होगा।
NCDRC की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक, अधिवक्ताओं और शिकायतकर्ताओं को अपने माइक्रोफ़ोन को हर समय म्यूट रखना होगा जब तक कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए नहीं बुलाया जाता है। मामले की सुनवाई के दौरान उन्हें अपने मोबाइल फोन को साइलेंट, स्विच ऑफ या एयरप्लेन मोड में रखना होगा। हालाँकि, वरिष्ठ अधिवक्ताओं या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने वाले वादियों को अपना माइक्रोफोन चालू रखना चाहिए। एसओपी यह भी निर्दिष्ट करता है कि सुनवाई की समीक्षा की जा सकती है और रुकावट या सुरक्षा चिंताओं के मामले में उचित उपाय किए जा सकते हैं।
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