मुंबई। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इसी साल 22 जनवरी को खुला राम मंदिर देश के पर्यटन उद्योग की तस्वीर बदलने जा रहा है। राम मंदिर के बनने से अयोध्या के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद है,जो सालाना 5 करोड़ से अधिक देसी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई है। जेफरीज ने यह भी कहा है कि अयोध्या ग्लोबल टूरिज्म मैप पर वेटिकन सिटी और मक्का को भारत का जवाब होगा।
जेफरीज ने अपनी इंडिया इक्विटी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि अयोध्या में 10 अरब अमेरिकी डॉलर की ट्रांसफॉमेर्शन परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें एक नया हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, 1,200 एकड़ का ग्रीनफील्ड टाउनशिप और बेहतर सड़क संपर्क शामिल हैं।
अयोध्या में हर साल 5 करोड़ से अधिक देसी विदेशी पर्यटक आएंगे, इससे एफएमसीजी, कंज्यूमर स्टेपल्स और क्विक-सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) के लिए पर्याप्त मांग पैदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, हॉस्पिटैलिटी, एयरलाइन और सीमेंट को सेक्टर को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।
जेफरीज का मानना है, बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के साथ एक नए धार्मिक पर्यटन केंद्र के निर्माण से भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है। इससे अयोध्या देश में पर्यटन विकास के प्रमुख ड्राइवर के रूप में स्थापित हो जाएगा।
किन कंपनियों को मिल सकता है इसका फायदा?
जेफरीज के मुताबिक, अयोध्या में पर्यटन में अपेक्षित वृद्धि और अन्य गतिविधियों के कारण इंडियन होटल्स , आईटीसी, ओयो रूम्स, जुबिलेंट फूडवर्क्स, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों का कारोबार बढ़ने की उम्मीद है।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि धार्मिक पर्यटन की भारत के पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक नए धार्मिक पर्यटन केंद्र के निर्माण से अर्थव्यवस्था पर सार्थक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। अयोध्या को भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक टेम्पलेट के रूप में देखा जा सकता है।
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