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मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं, स्थिर रहेंगी ब्याज दरें

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन दिन से चल रही मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इसका मतलब है कि ब्याज दरों में न कोई कमी आएगी और न ही कोई बढ़ोतरी होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों की जानकारी दी।

प्रमुख नीतिगत दरें
पॉलिसी रेपो दर: 6.50%
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिट रेट: 6.25%
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट: 6.75%
बैंक रेट: 6.75%
रिवर्स रेपाे रेट: 3.35%

इस फैसले के बाद नीतिगत दर रेपो रेट (Repo rate) 6.5% पर स्थिर रहेगी। रेपो रेट वह दर होती है, जिस दर पर बैंक अपनी अल्पकालिक जरूरतों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। साल 2019 में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को ही नीतिगत दर बना दिया था। इससे होम लोन समेत सभी लोन सीधा रेपो रेट से जुड़ गए थे। इसमें कोई बदलाव न होने का मतलब है कि कर्ज के सस्ते होने की संभावना फिलहाल खत्म हो गई है।

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रिजर्व बैंक के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच महंगाई दर को वहनीय स्तर यानी चार फीसदी पर लाने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा गया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई दी।

फिनटेक कंपनी बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, महंगाई दर में लगातार गिरावट आ रही है। अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई 4.83% पर 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो RBI के 2-6% के सहनीय बैंड के भीतर बनी हुई है। जीडीपी वृद्धि भी आशावादी है। ऐसे में RBI ने समझदारी दिखाते हुए महंगाई कम करने के अपने प्रयासों को छोड़ा नहीं है।

शेट्टी ने कहा कि लगातार आठवीं बार भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मजबूत विकास गति के बीच रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। इससे कर्जधारकों को लोन पर लगातार उच्च ब्याज दरों का सामना करना पड़ सकता है। चूंकि रेपो दर सीधे लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करती है, इसलिए अपरिवर्तित दर का मतलब है कि मौजूदा लोन 6.50% के उच्च रेपो दर के बेंचमार्क बने रहेंगे।

मौद्रिक नीति समीक्षा: फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं

मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन भले ही ना हुआ हो, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट पर जमा की दरें बढ़ सकती हैं। शेट्टी ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि बैंक अधिक जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश कर रहे हैं। यह एफडी की ब्याज दरों पर नज़र रखने का सबसे अच्छा समय है। बैंक अधिक जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए FD पर उच्च ब्याज दरों की पेशकश कर सकते हैं, क्योंकि वे अपने उधार और जमा दरों को संतुलित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह जमाकर्ताओं के लिए अपनी जमा राशि पर उच्च रिटर्न लॉक करने का एक अनुकूल समय है।

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