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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) को समय से पहले भुनाने का मौका, जानें कितनी कीमत चुका रहा आरबीआई

आमतौर पर एसजीबी की परिपक्वता अवधि आठ साल होती है, लेकिन आरबीआई पांच साल में ही इसे भुनाने का मौका दे रहा है। इस पांच साल में इस बांन्ड ने 91 फीसदी का रिटर्न दिया। इसके अलावा, निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज अलग से मिला।

मुंबई। सोने की ऊंची कीमतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना के तहत जारी कुछ बॉन्ड्स को समय से पहले भुनाने की छूट दे रहा है। आमतौर पर एसजीबी की परिपक्वता अवधि आठ साल होती है, लेकिन आरबीआई पांच साल में ही इसे भुनाने का मौका दे रहा है। इस पांच साल में इस बांन्ड ने 91 फीसदी का रिटर्न दिया। इसके अलावा, निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज अलग से मिला।

आरबीआई (RBI) की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, मैच्युरिटी से पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को भुनाने की यह छूट एसजीबी की वर्ष 2018-19 सीरीज VI के लिए है। इसके जारी होने के पांच साल आगामी 12 फरवरी को पूरे हो रहे हैं। आरबीआई ने इस बॉन्ड को भुनाने के लिए इसका मूल्य 6,263 रुपए प्रति यूनिट तय किया है। यह इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) की ओर से पिछले तीन दिनों में सोने के बंद भाव का औसत है। 

3226 रुपए में जारी हुआ था ये एसजीबी (SGB)

आरबीआई ने एसजीबी वर्ष 2018-19 सीरीज VI को 3326 रुपए प्रति ग्राम के हिसाब से जारी किया था। ऑनलाइन आवेदन करने पर 50 रुपए की छूट के साथ यह 3,276 रुपए प्रति ग्राम के मूल्य पर जारी हुआ था। इस तरह से पिछले पांच साल में इसने निवेशकाें को 91 फीसदी का रिटर्न प्रदान किया। बता दें, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में हर साल 2.5% का ब्याज भी मिलता है। इस प्रकार निवेशकों को 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न हासिल हुआ। 

मैच्युरिटी पर मिलने वाला रिटर्न होता है टैक्स-फ्री (Tax-free)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में मिलने वाला ब्याज तो निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है, लेकिन मैच्युरिटी पर मिला रिटर्न टैक्स मुक्त होता है। इस तरह निवेशकों को इस 91% रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।

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