Silver target: चांदी कीमत अगले कुछ महीनों में 1.25 लाख रुपए प्रति किलो तक जा सकती हैं। ऐसे में इस सफेद धातु में हर गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए। वित्तीय सेवा कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में यह सलाह दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, चांदी को 86,000-86,500 के करीब मजबूत सपोर्ट है, जबकि MOFSL ने 12-15 महीने के लिए घरेलू बाजार में चांदी का लक्ष्य 1 लाख रुपए से 1.25 लाख रुपए और कॉमेक्स पर $40 तक का संशोधित लच्य तय किया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि हाल के महीनों में चांदी की कीमताें में 30% से अधिक की बढ़त के चलते समय-समय पर कुछ मुनाफावसूली को देखने को मिल सकती है। हालांकि किसी भी बड़ी गिरावट का उपयोग खरीदारी के अवसर के रूप में किया जा सकता है।
चांदी की कीमतों पर पड़ता है चीन का असर, जानें कैसे?
चीन कई औद्योगिक धातुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है। इसलिए, औद्योगिक धातु में कोई भी बड़ा बदलाव चांदी में भी बदलाव को बढ़ावा देता है। चीन एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था थी, जिसने महामारी के दौरान तीन साल तक लॉकडाउन लगाया था। इस विस्तारित बंद के बीच, आर्थिक गतिविधियाँ न्यूनतम स्तर पर आ गई थीं। प्रॉपर्टी सेक्टर जो पहले संकट में था, वह और भी अधिक गिर गया।
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अब सकारात्मक पक्ष यह है कि चीन में महंगाई की दर 0% के करीब है, इसलिए केंद्रीय बैंक के पास दरों में कटौती करने के लिए बहुत जगह है। चीनी इक्विटी बाजार में काफी सुधार हुआ है, कच्चे तेल, तांबे और सोने का आयात भी काफी अधिक है। इससे चीन में चांदी की मांग लौटने की उम्मीद की जा रही है।
भू-राजनीतिक संकट भी कर रहा चांदी को सपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, भूराजनीतिक तनाव, संकट या ब्लैक स्वान घटनाएं सेफ हैवेन एसेट के प्रति आकर्षण बढ़ा देती हैं। 2022 के बाद से यानी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से बाजार में जोखिम प्रीमियम बढ़ गया है। चाहे 2019 से जारी व्यापार तनाव हो, रूस-यूक्रेन युद्ध हो या पिछले साल से चल रहा इज़राइल-हमास तनाव हो, सभी भू-राजनीतिक तनाव अभी भी सक्रिय हैं और बाजार को किनारे से झटके दे रहे हैं। अमेरिका में चुनावी वर्ष होने के कारण, आर्थिक अनिश्चितता भी चांदी के लिए सुरक्षित पनाहगाह की अपील को बढ़ा सकती है।
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की जीत की संभावना बढ़ती है, तो हम एक बार फिर अस्थिरता में उछाल देख सकते हैं। यह कहना सुरक्षित है कि भू-राजनीतिक तनावों ने कीमती धातु को अपनी सीमा को ऊपर ले जाने में मदद की है।
Silver target: मांग और आपूर्ति
Silver target: सिल्वर इंस्टीट्यूट पूर्वानुमान रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 से 2024 तक चांदी की कुल मांग में लगभग 2% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2024 में कुल मांग तकरीबन 1219 टन होने की उम्मीद है, जबकि 2022 की मांग लगभग 1279 टन थी। औद्योगिक मांग सबसे अधिक करीब 710.9 टन रहने की उम्मीद है। 2023 से औद्योगिक मांग में 8.5% और महामारी के बाद से 40% की वृद्धि होने की उम्मीद है। आभूषण और चांदी के बर्तनों में 4.5% की वृद्धि होने की उम्मीद है। शुद्ध भौतिक और फोटोग्राफी की मांग में गिरावट आने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी कहते हैं, “2023 से 2024 तक कुल आपूर्ति में 1% की गिरावट आने की उम्मीद है, जबकि 2024 में कुल आपूर्ति लगभग 1004 टन होने की उम्मीद है, जो 2021 के समान है। 2024 में खदान उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 1% घटकर 823.5 टन रहने की उम्मीद है। इस कमी का कारण खनन में आ रही चुनौतियां हैं।
डिस्क्लेमर: यह खबर मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट पर आधारित है और किसी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपना रिसर्च जरूर करें या अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लें। आपको होने वाले किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए मनीलाभ उत्तरदायी नहीं होगा।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।