मुंबई। देश के म्यूचुअल फंड (Mutual fund) उद्योग में महिलाओं का निवेश बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 के अंत तक महिला निवेशकों के पास कुल परिसंपत्तियों का 21% हिस्सा था, जो मार्च 2017 में 15% था।
छोटे शहरों में महिला निवेशकों की संख्या में और उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। देश के टॉप-30 शहरों से बाहर के क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा निवेशित म्यूचुअल फंड संपत्ति इस दौरान 17% से बढ़कर 28% हो गई है। वहीं, इन क्षेत्रों में महिला निवेशकों की संख्या भी 15% से बढ़कर 18% हो गई है। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी की एक स्टडी में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि 25 से 44 आयु वर्ग की महिलाएं सबसे ज्यादा म्यूचुअल फंड में निवेश कर रही हैं। इस आयु वर्ग में करीब 50% महिला निवेशक हैं, जबकि सामान्य निवेशकों में यह आंकड़ा 45% है।
किस राज्य में महिलाएं कर रहीं Mutual fund में सबसे ज्यादा निवेश?
गोवा राज्य में म्यूचुअल फंड उद्योग में महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40% है, इसके बाद पूर्वोत्तर राज्यों का स्थान आता है। चंडीगढ़, महाराष्ट्र और नई दिल्ली में भी महिला निवेशकों की हिस्सेदारी 30% से अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला म्यूचुअल फंड वितरकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दिसंबर 2023 तक इनकी संख्या लगभग 42,000 हो गई है और ये 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रही हैं।
एएमएफआई के अध्यक्ष नवनीत मुनोत का कहना है कि म्यूचुअल फंड में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी उनके आर्थिक सशक्तिकरण का प्रमाण है। उन्होंने यह भी बताया कि “विकसित भारत” की पहल के तहत महिलाओं को निवेश के प्रति जागरूक करने के लिए और प्रयास किए जाएंगे।
एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकट चालानानी का कहना है कि महिला वितरकों की संख्या में वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि महिलाएं ना सिर्फ अपने लिए वित्तीय फैसले ले रही हैं बल्कि दूसरों का भी मार्गदर्शन कर रहीं हैं। यह महिलाओं में बढ़ते आत्मविश्वास और वित्तीय जागरूकता को दर्शाता है।

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