Retirement Plan: नारायण मिश्रा (62) इसी महीने 37 साल के सफल कॅरियर के बाद केंद्र सरकार की नौकरी से रिटायर हो गए। उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि (epf), ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट आदि मिला कर उन्हें तकरीबन दो करोड़ रुपए रिटायरमेंट कॉर्पस में मिले।
मिश्रा अब काम नहीं करना चाहते और रिटायरमेंट पर मिले पैसों को इस तरह निवेश करना चाहते हैं कि उन्हें हर महीने सवा लाख रुपए मिलते रहें, ताकि उनका वर्तमान जीवन स्तर बना रहे, उनका पैसा सुरक्षित रहे और साथ ही समय के साथ बढ़ता भी रहे।
यह एक समझदारी भरी सोच है। क्योंकि अब उन्हें जीवनभर इन्हीं पैसों पर आश्रित रहना है और इन पैसों को सबसे बड़ा खतरा महंगाई से है। भारत में महंगाई थोड़ी अधिक रहती है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहते हैं और तेल की कीमतों में तेजी पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है।
हमने नारायण मिश्रा के लिए जो फाइनेंशियल प्लानिंग की, वह इस लेख में बता रहे हैं। अगर आप भी हाल में रिटायर हुए हैं या रिटायर होने वाले हैं तो अपने रिटायरमेंट कॉर्पस को इस अनुपात में निवेश कर सकते हैं।
एसेट | निवेश राशि | रिटर्न |
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम | 30 लाख रुपए | 8.20% |
फिक्स डिपॉजिट | 20 लाख रुपए | 8.25% |
डेट फंड एवं डिबेंचर | 50 लाख रुपए | 7.25%-10% |
डिविडेंड फंड और स्टॉक | 50 लाख रुपए | ~12% |
पीएमएस | 50 लाख रुपए | 20% |
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS):
यह भारत सरकार की छोटी बचत योजना का हिस्सा है। इस समय इस पर 8.2% की ब्याज दर मिल रही है। हर तीन महीने में इस पर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा होती है। इसे पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है। पहले इसमें निवेश की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए थी, जिसे अब बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया है। इसकी अवधि पांच साल की होती है, जिसे 3 साल और बढ़ाया जा सकता है। इसमें ब्याज हर तिमाही मिलती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD):
हर भारतीय फिक्स्ड डिपॉजिट से अच्छी तरह वाकिफ है। बीते कुछ महीनों में ब्याज दरें बढ़ने से यह एक बार फिर आकर्षक हो गए हैं। इस समय सरकारी बैंक 7.75%, प्राइवेट बैंक 8.50% तक और स्मॉल फाइनेंस बैंक 9% से ऊपर ब्याज ऑफर कर रहे हैं। ध्यान रखें कि तीनों प्रकार के बैंक में पांच लाख तक डिपॉजिट बीमा के दायरे में आती है। ऐसे में आप अलग-अलग बैंकों में भी 5-5 लाख रुपए डिपॉजिट कर सकते हैं।
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डेट फंड (Debt fund):
डेट फंड म्यूचुअल फंड की वह योजनाएं हैं जो गवर्मेंट सिक्युरिटी, ट्रेजरी बिल, बॉन्ड जैसी फिक्स इनकम देने वाली प्रतिभूतियों में अपना पैसा लगाती हैं। इसमें बहुत ज्यादा रिटर्न तो नहीं मिलता, लेकिन मूलधन खोने का जोखिम भी बहुत कम होता है। आप एचडीएफसी लो ड्यूरेशन फंड पर विचार कर सकते हैं।
नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD):
नॉन कन्वर्टिकल डिबेंचर डेट की श्रेणी में आते हैं। इन्हें इक्विटी या स्टॉक में नहीं बदला जा सकता। एनसीडी की मैच्योरिटी की एक निश्चित तारीख होती है और ब्याज का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक रूप से किया जा सकता है। ये बेहतर रिटर्न, कम जोखिम और टैक्स बेनिफिट के साथ आते हैं। इसे लेने से पहले आपको कंपनी की क्रेडिट रेटिंग, जारी करने वाले की विश्वसनीयता और एनसीडी की कूपन दर की जांच करनी चाहिए। AAA+ या AA+ जैसी उच्च रेटिंग वाले NCD खरीदने की सलाह दी जाती है। आप श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के डिबेंचर पर विचार कर सकते हैं।
हाइब्रिड फंड से डिविडेंड:
हाइब्रिड फंड जैसे कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड और डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड औसतन 12% का सालाना रिटर्न देते हैं। इनमें रिस्क भी इक्विटी की तुलना में कम रहता है। इसमें इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विड्रॉल (IDCW) का विकल्प चुनें। जा सकता है। ऐसी योजनाओं में एनएवी की दाम में जो बढ़ोतरी होती है, वह डिविडेंड के रूप में मिल जाती है। आप अच्छा डिविडेंड देने वाले कुछ शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। इसमें आप एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पर विचार कर सकते हैं।
पीएमएस (PMS)
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) एक पेशेवर वित्तीय सेवा है जहां एक्सपर्ट पोर्टफोलियो मैनेजर और शेयर मार्केट प्रोफेशनल एक रिसर्च टीम की सहायता से आपके इक्विटी पोर्टफोलियो काे मैनेज करते हैं। इसमें न्यूनतम 50 लाख रुपए से निवेश की शुरुआत की जा सकती है। आप आईसीआईसीआई ग्रोथ लीडर्स फंड पर विचार कर सकते हैं।
इस तरह Retirement Plan में आपके डेढ़ करोड़ रुपए आपको हर महीने सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए तक कमाने में मदद करेंगे। जबकि पीएमएस में लगे 50 लाख रुपए इस पूंजी को बढ़ाएंगे, ताकि महंगाई बढ़ने पर आप अतिरिक्त पूंजी को अपनी आय बढ़ाने में इस्तेमाल कर सकें।
(लेखक फाइनेंशियल एडवाइजर और मुंबई स्थित आशियाना फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ हैं।)
अनिरुद्ध गुप्ता फाइनेंशियल एडवाइजर और मुंबई स्थित आशियाना फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ हैं।