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फाइनेंशियल मामलों में फैसले लेने से बचना क्यों? इन आसान उपायों से आप भी हो जाएंगी प्रो

भारतीय परिवारों में फाइनेंशियल निर्णय लेने का काम हमेशा से पुरूष सदस्य करते आए हैं। अब भी ज्यादातर महिलाएं फाइनेंशियल (Financial planning for women) निर्णय पुरुषों के भरोसे ही छोड़ देती हैं। इसमें उच्च शिक्षित और कामकाजी महिलाएं भी शामिल हैं। 

याद रखें, फाइनेंशियल निर्णय के सबसे महत्वपूर्ण घटक घर के बजट बनाने में महिलाओं की जबरदस्त पकड़ होती है और कोई भी पुरूष इस मामले में महिलाओं की बराबरी नहीं कर सकता। इसलिए बतौर महिला आप को यह नहीं सोचना चाहिए कि घरेलू फाइनेंशियल मामलों को समझना बहुत मुश्किल काम है। 

बदलते समय के साथ यह जरूरी हो गया है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी घरेलू फाइनेंशियल मामलों में दखल दें और उसे निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभाएं। इसका दायित्व हाउसमेकर महिलाओं पर भी बराबर है। कंटेनरों में पैसे बचाने का तरीका अब बैंक खातों ने और कमेटी में पैसे लगाने का तरीका अब वित्तीय साधनों ने ले लिया है, जिसे समझना आपके लिए बेहद जरूरी है और बेहद आसान भी। 

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आइए आपको उन पांच आसान उपायों के बारे में बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप भी आसानी से घर के फाइनेंशियल मामलों में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले सकेंगी।

1. परिवार की बचत, निवेश और बीमा की जानकारी रखें

आपको घर के वित्तीय मामलों में गहरी दिलचस्पी लेनी चाहिए। आपको जानना चाहिए कि आपके परिवार ने कहां-कहां कितना निवेश किया है, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा कितना है और किस कंपनी से है। क्या आपके परिवार की बचत छह महीनों के खर्च के लिए पर्याप्त है, यदि नहीं तो छह महीनों के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड बनवाएं। 

2. सभी दस्तावेजों की प्रति अपने पास रखें

एक गृहिणी को सभी निवेश की देय तिथियों के बारे में पता होना चाहिए और पॉलिसियों, पीपीएफ आदि का रिकॉर्ड अपने पास रखना चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना के मामले में वह वित्त पर नियंत्रण रख सके।

3. एक बैंक खाता जरूर होना चाहिए

आपके नाम पर एक बैंक खाता जरूर होना चाहिए, जहां आप अपने मासिक बजट से की गई बचत जमा कर सकें। आप के पास एकमुश्त रकम है तो उससे फिक्स्ड डिपॉजिट भी खोल सकती हैं। हर महीने कुछ बचत हो रही है तो उसे अनुशासित करने के लिए रेकरिंग डिपॉजिट भी खोल सकती हैं।

4. छोटा ही सही, निवेश शुरू करें

बचत तो आपने कर ली, उस बचत को निवेश करना भी सीखें। अगर म्यूचुअल फंड एसआईपी में 1000 रुपए महीने भी निवेश किया जाए, तो 15% सीएजीआर से 30 वर्षों में 70 लाख रुपये की रकम जमा हो सकती है। 

5. सोने में निवेश के दूसरे विकल्प भी आजमाएं

हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है कि सोने में निवेश करना चाहिए। शायद ही कोई महिला हो, जिसे सोना पसंद न हो। लेकिन आप गहने के बजाय गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर विचार कर सकती हैं। एक तो इसमें कोई कटौती नहीं होती, दूसरा इसके चोरी का खतरा भी नहीं होता। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तो सालाना 2.5% का ब्याज अलग से मिलता है।

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