नई दिल्ली। सड़क दुर्घटना में घायलों को तुरंत और मुफ्त इलाज (cashless treatment) मिलेगा। इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान सरकार करेगी। गुरुवार शाम केंद्र सरकार ने इस योजना का ऐलान किया। फिलहाल, यह योजना पायलट आधार पर चंडीगढ़ में शुरू की गई है। जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
बता दें, देश में हर साल सड़क हादसों में हर साल करीब 3 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें बड़ी संख्या उनकी होती है, जिन्हें दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे में इलाज नहीं मिल पाता। इसे गोल्डन ऑवर भी कहते हैं।
इस योजना को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने तैयार किया है। मंत्रालय के मुताबिक, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत कानूनी बाध्यता के अनुरूप सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को मुफ्त और कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसका मकसद सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर और प्रभावी चिकित्सा सहायता मुहैया कराना है, जिसमें दुर्घटना के शुरुआती महत्वपूर्ण घंटों (गोल्डन ऑवर) के दौरान मिलने वाला इलाज भी शामिल है।
इसकी शुरुआत चंडीगढ़ से की जा रही है। इस पायलट प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को सौंपी गई है, जो कि देश में आयुष्मान भारत योजना का संचालन करती है। एनएचए पुलिस, अस्पतालों और राज्यों की स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस योजना का संचालन करेगा।
मुफ्त इलाज योजना में क्या-क्या शामिल होगा?
- प्रति दुर्घटना/व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज होगा
- दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिन तक इसका लाभ लिया जा सकेगा।
- मोटर वाहन से होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाएं इसमें शामिल होंगी।
- गंभीर और बहु-चोट मामलों में आयुष्मान भारत PM-JAY पैकेजों का उपयोग किया जाएगा।
- अस्पतालों द्वारा दिए गए इलाज का क्लेम मोटर वाहन दुर्घटना फंड से पूरा किया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए एक विशेष आईटी प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म सड़क परिवहन मंत्रालय के eDAR एप्लिकेशन और NHA के लेन-देन प्रबंधन प्रणाली (TMS) को मिलाकर काम करेगा।
मंत्रालय के मुताबिक, पायलट कार्यक्रम की सफलता के आधार पर, पूरे देश में कैशलेस उपचार सुविधा के विस्तार पर विचार किया जाएगा।
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