देश की जितनी भी बीमा कंपनी हैं, उनका रेगुलेशन भारतीय बीमा विनियामक और विकास अधिकरण (IRDA) करता है। इरडा (IRDA new health insurance regulations) ने बीते कुछ समय में बीमा उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बीते 29 मई को ही अपने मास्टर सर्कुलर के जरिए इरडा ने स्वास्थ्य बीमा ग्राहकों के हित में कई बदलाव किए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू भी हो चुके हैं। आइए इन बदलावों के बारे में जानते हैं।
- बीमा पॉलिसी डॉक्यूमेंट के साथ उपभोक्ता को कस्टमर इनफॉरमेशन शीट यदि लोकल भाषा में मांगी गई है, तो अनिवार्य रूप से दी जाएगी। जिसमें बीमित द्वारा ली गई बीमा पॉलिसी के संबंध में महत्वपूर्ण विस्तृत जानकारी रहेगी, जिसे पूरा पढ़कर समझना चाहिए। पॉलिसी डॉक्युमेंट भी पूरी तरह से पढ़ना और समझना चाहिए।
- यदि पॉलिसी के नियम, कंडीशंस से आप सहमत नहीं हैं, तब 30 दिन के अंदर पॉलिसी कैंसिल की जा सकती है और प्रीमियम वापस लिया जा सकता है, बशर्ते कोई क्लेम नहीं हुआ हो।
- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों की तरह नए नियमों के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीयों में भी ग्रेस पीरियड प्रारंभ किया गया है। नए नियमों के अनुसार यदि पॉलिसी का प्रीमियम मासिक दिया जाता है उस स्थिति में 15 दिन ग्रेस पीरियड रहता है और यदि पॉलिसी का प्रीमियम तिमाही, अर्धवार्षिक, वार्षिक दिया जाता है उस स्थिति में 30 दिन का ग्रेस पीरियड कंपनी देती है। इस ग्रेस पीरियड में बीमा कंपनी द्वारा कवरेज चालू रहता है। ग्रेस पीरियड वह समय है जब पॉलिसी का रिनुवल समय पर नहीं कराया जाता, लेकिन कवरेज चालू रहता है। ग्रेस पीरियड में पॉलिसी रिनुअल करवाने पर पिछली पॉलिसी के सभी लाभ चालू रहेंगे।
- स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का रिनुवल पहले की पॉलिसी में दावा होने के बाद भी, बीमा कंपनी द्वारा मना नहीं किया जा सकता।
- पांच वर्ष पॉलिसी चल जाने के बाद कोई भी बीमा कंपनी पॉलिसी अथवा दावे के संबंध में नॉन डिस्क्लोजर या मिसरिप्रेजेंटेशन का कारण बताकर दावा रिजेक्ट नहीं कर सकती।
- कोई भी दावा बीमा कंपनी द्वारा बनाई गई तीन सदस्यों की कमेटी की अनुशंसा के बिना रिजेक्ट नहीं किया जाएगा।
- क्लेम ना होने पर बीमित को बीमा कंपनी द्वारा एडिशनल बीमा राशि अथवा प्रीमियम में डिस्काउंट, पॉलिसी के रिनुवल के समय देना चाहिए।
- अस्पताल द्वारा दावा की सूचना देने पर 1 घंटे के अंदर कैशलेस की स्वीकृति बीमा कंपनी द्वारा देना जरूरी है। यह नियम बीमा कंपनियों को 31 जुलाई 2024 तक लागू करना है।
- बीमा कंपनी द्वारा क्लेम का फाइनल ऑथराइजेशन, अस्पताल से डिस्चार्ज के समय, अस्पताल के द्वारा रिक्वेस्ट करने पर 3 घंटे के अंदर देना जरूरी है। कैशलेस की सुविधा सभी बीमा कंपनियां अपनी 100% पॉलिसियों में सभी अस्पतालों के लिए देंगी। सभी तरह के ट्रीटमेंट जैसे कि एलोपैथी, आयुष और अन्य चिकित्सा के सिस्टम हैं उनको स्वीकार किया जाएगा।
- सभी उम्र के व्यक्तियों का बीमा, सभी वर्तमान बीमारियों का कवर, क्रॉनिक बीमारियों का कवर, घर में रहते हुए इलाज, ओपीडी-आउट पेशेंट ट्रीटमेंट, डे केयर, होम केयर ट्रीटमेंट, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीयों में उपलब्ध करवाया जाएगा। सभी क्षेत्रों में, सभी व्यवसाय में, सभी तरह की विकलांगता में और किसी भी दूसरी कैटेगरी में बीमा कवर दिया जाएगा।
- सभी अस्पताल और हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को बीमा कंपनियां मान्य करेंगीं। इमरजेंसी में किसी भी बीमा धारक को कवर के लिए मना नहीं किया जाएगा।
- सभी बीमा कंपनियां अपनी सभी पहले से जारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में इन नए प्रावधानों, नियमों को 30 सितंबर 2024 के पहले लागू करेंगी।
बीमा नियामक ने अपने सर्कुलर (IRDA new health insurance regulations) के द्वारा स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में ग्राहकों, उपभोक्ताओं के हित में दूरगामी परिवर्तन किए हैं, लेकिन देखना होगा कि बीमा कंपनियां और अस्पताल इन प्रावधानों को कितना लागू करते हैं और इनका कितना लाभ उपभोक्ताओं को पहुंचता है?
डॉ. एल. पी. गुप्ता बीमा क्षेत्र में एक अनुभवी विशेषज्ञ हैं। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में सेवा देने के अलावा उन्होंने ICFAI नेशनल कॉलेज में बीमा फैकल्टी के रूप में अनेक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है। डॉ. गुप्ता बीमा पर पांच पुस्तकें लिख चुके हैं, जो बीमा की जटिलताओं को सरलता से समझाने में मदद करती हैं। आपसे lpgupta1950@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।