NFO alert: मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने अपने नवीनतम नए फंड ऑफर यानी एनएफओ की घोषणा की है। इस फंड का नाम मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड (Motilal Oswal Manufacturing Fund NFO) के लॉन्च की घोषणा की है। यह फंड शुक्रवार से निवेश के लिए खुलेगा। यह थीमैटिक फंड मैन्युफैक्चरिंग थीम पर आधारित एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है।
मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड की फैक्टशीट | |
कंपनी का नाम | मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी |
फंड का नाम | मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड |
फंड की प्रकार | ओपन एंडेड |
फंड की कैटेगरी | थीमैटिक फंड |
एनएफओ की अवधि | 19 जुलाई से 2 अगस्त |
स्कीम की फेस वैल्यू | 10 रुपए |
फंड का बेंचमार्क | निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टोटल रिटर्न इंडेक्स |
फंड मैनेजर | निकेत शाह, अजय खंडेलवाल |
जोखिम | उच्चतम |
एग्जिट लोड | 15 दिन से पहले निकासी पर 1%, 15 दिन बाद शून्य |
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इस फंड का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में लगी कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि हासिल करना है। इसका बेंचमार्क निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टोटल रिटर्न इंडेक्स होगा।
MOAMC के मुताबिक, यह फंड मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े करीब 35 स्टॉक तक में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। फंड का लक्ष्य मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक में 80% से 100% निवेश के साथ एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखना है। यह फंड उन निवेशकों के लिए तैयार किया गया है, जो लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि की तलाश कर रहे हैं और एक फ़ोकस्ड मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो में निवेश करके मुनाफा कमाना चाहते हैं।
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मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा, भू-राजनीतिक हालात और घरेलू आर्थिक मजबूती भारत को दुनिया में एक उभरते मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित कर रहे हैं। सरकार ने 2025 तक भारत के कुल आर्थिक उत्पादन का 25% मैन्युफैक्चरिंग से हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। चीन+1 थीम से भी भारत को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीआईओ निकेत शाह ने कहा, मैन्युफैक्चरिंग केंद्रित फंड निवेशक के पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जो ईएमएस, रसायन और रक्षा के साथ देश के निर्यात को तेजी से अवसर प्रदान करते हैं।
शाह ने कहा कि सरकार ने स्वदेशीकरण और पॉलिसी सपोर्ट के माध्यम से इस दशक के अंत तक 500 अरब रुपये से अधिक के निर्यात का लक्ष्य रखा है। हमारा देश एक सतत विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, जिसमें हम एक मैक्रो गोल्डीलॉक्स घटना (अपेक्षित नरम मुद्रास्फीति, अपेक्षित दर कटौती, सीएडी अधिशेष और स्वस्थ विदेशी मुद्रा भंडार) देख रहे हैं। इसका फायदा मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।