वो पांच कारण, जो इंडेक्स फंड को बनाते हैं निवेश का बेहतर विकल्प, क्या आपने इनमें पैसा लगाया है

पैसिव फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी निवेशित कुल राशि मार्च 2025 तक 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है

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Index fund

भारत में बड़ी संख्या में निवेशक अब पैसिव इन्वेस्टिंग का रुख कर रहे हैं। पैसिव इन्वेस्टिंग में भी इंडेक्स फंड खास तौर पर लोकप्रिय हो रहा है। इंडेक्स फंड्स में फंड मैनेजर अपने बेंचमार्क इंडेक्स को दोहराते हैं। यदि कोई म्यूचुअल फंड हाउस सेंसेक्स इंडेक्स फंड लॉन्च करता है, तो उसके पोर्टफोलियो में वही 30 स्टॉक्स होंगे जो सेंसेक्स का हिस्सा हैं।

भारत में पिछले कुछ वर्षों में पैसिव इन्वेस्टिंग के प्रति नज़रिये में काफी बदलाव आया है। बड़ी संख्या में निवेशक अब पैसिव इन्वेस्टिंग का रुख कर रहे हैं। पैसिव फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी निवेशित कुल राशि मार्च 2025 तक 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। पैसिव स्कीम में भी इंडेक्स फंड खास तौर पर लोकप्रिय हो रहा है। 

क्या हैं इंडेक्स फंड

इंडेक्स फंड्स में फंड मैनेजर अपने किसी इंडेक्स को दोहराते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई म्यूचुअल फंड हाउस सेंसेक्स इंडेक्स फंड लॉन्च करता है, तो उसके पोर्टफोलियो में वही 30 स्टॉक्स होंगे जो सेंसेक्स का हिस्सा हैं। यहां तक कि शेयरों का भारांक भी उसी अनुपात में होगा, जो अनुपात उनका सेंसेक्स में है। लगभग सभी फंड हाउसेज ने पिछले साल कई इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं। कुछ नए फंड हाउस तो सिर्फ इंडेक्स फंड ही ला रहे हैं। आइए आपको उन पांच कारकों के बारे में बताते हैं, जो इंडेक्स फंड को निवेश का बेहतर विकल्प बनाते हैं।

अपने क्षेत्र की चुनिंदा कंपनियों में निवेश

किसी भी इंडेक्स में कंपनियों का चुनाव बहुत देख-परख कर किया जाता है। जब कोई निवेशक बीएसई-500 इंडेक्स या निफ्टी-100 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले फंड में निवेश करने का निर्णय लेता है, तो उसे हमेशा एक मजबूत पोर्टफोलियो मिलता है। इंडेक्स फंड में मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां तो मिलती ही ही हैं, साथ ही क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण में विविधा भी मिलती है। ये सूचकांक नियामक द्वारा नियंत्रित होते हैं साथ ही इनमें समय-समय पर जरूरत के अनुरूप बदलाव भी होता रहता है। 

निवेश की कम लागत

इंडेक्स फंडों की बढ़ती लोकप्रियता का एक प्रमुख कारण इसकी कम लागत है। एक्टिव फंड्स में फंड मैनेजर और उनकी टीम को काफी मेहनत शेयरों का चयन करने में करनी होती है। वहीं, इंडेक्स फंड में किसी बेंचमार्क इंडेक्स को फॉलो किया जाता है, इसलिए फंड मैनेजर शेयरों की खरीद/बिक्री में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होता है। नतीजतन, इंडेक्स फंड में सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों की तुलना में कम शुल्क और परिचालन लागत होती है। 

निवेश में अधिक पारदर्शिता

सभी निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो में रिटर्न के अलावा पारदर्शिता और लचीलापन चाहते हैं। चूंकि इंडेक्स फंड में किसी विशेष इंडेक्स पर सूचीबद्ध कंपनियों को ही शामिल किया जा सकता है, इसलिए निवेशक को फंड में शामिल कंपनियों की सही-सही जानकारी होती है। यह न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद करता है, बल्कि निवेशक के लिए हर समय अपने पोर्टफोलियो को समझना और ट्रैक करना भी आसान बनाता है 

किसी भी सेक्टर विशेष में निवेश करने में आसानी 

बैंकिंग, आईटी, लॉजिस्टिक्स, टेक्नोलॉजी ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें ग्रोथ आने की संभावना है। जो निवेशक इन क्षेत्रों के विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे उन इंडेक्स फंड्स में निवेश कर सकते हैं जो बैंकिंग इंडेक्स, टेक्नोलॉजी इंडेक्स आदि को ट्रैक करते हैं। चूंकि ये फंड व्यापक बाजार ज्ञान का लाभ उठाते हैं, इसलिए वे तय किए गए इंडेक्स पर सभी कंपनियों के लिए एक्सपोजर सुनिश्चित करने वाले फंड मैनेजर पूर्वाग्रह से भी मुक्त हैं।

इनोवेटिव तरीके से निवेश का मौका

अब इंडेक्स फंड पारंपरिक बाजार बेंचमार्क को ही फॉलो नहीं करते हैं। भारत में बदलते निवेश परिदृश्य ने क्लाउड कंप्यूटिंग, ईव्हीकल, न्यू इकोनॉमी जैसे थिमेटिक निवेशों के लिए द्वार खोल दिए हैं। फंड प्रबंधक उन विषयों पर नजर रख रहे हैं जो भविष्य में विकास के वादे को प्रदर्शित करते हैं। इस तरह इंडेक्स फंड निवेश में इनोवेशन का भी मौका देते हैं। भविष्य में बेंचमार्क्स के लिए और अधिक इनोवेशन देखे जा सकते हैं।

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