म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो तो आमतौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Mutual fund SIP) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। जो निवेशक लंबी अवधि में धीरे-धीरे फंड जनरेट करना चाहते हैं, वे एकमुश्त निवेश के बजाए एसआईपी पसंद करते हैं।
बेहतर रिटर्न, रेगुलेशन और जागरुकता के चलते बीते कुछ वर्षों में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश साल दर साल बढ़ रहा है। यह लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएट करने का एक सफल फॉर्मूला भी साबित हो चुका है। हालांकि, कुछ हालात ऐसे भी होते हैं, जिनमें म्यूचुअल फंड एसआईपी करना सही निर्णय नहीं होता। आइए जानते हैं, उन हालातों के बारे में।
1. आपका निवेश लक्ष्य छोटा हो या वित्तीय लक्ष्य तक पहुंचने वाले हों
एसआईपी के जरिए निवेश का एक मुख्य उद्देश्य छोटी अवधि में होने वाले बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करना होता है। दरअसल, एसआईपी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए होती हैं, ताकि शॉर्ट-टर्म मार्केट में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके। जब आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के जरिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को प्राप्त करने वाले हों, तो ऐसी स्थिति में जोखिम को कम करने और नुकसान से बचने के लिए अपने फंड को कम रिस्क वाली जगहों पर निवेश करना जरूरी हो जाता है। इस स्थिति में एसआईपी के जरिए निवेश जारी रखना सही नहीं है। अगर बाजार में तेजी है, तो भी लालच में न आकर अपने फंड को कम जोखिम वाली जगहों में निवेश किया जाना चाहिए। फाइनेंशियल गोल्स के करीब पहुंचने पर आपको फोकस फंड को सुरक्षित रखना होना चाहिए।
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2. जब आपके पास निवेश के लिए एक बड़ी राशि मौजूद हो
अगर आपके पास निवेश के लिए एक बड़ा अमाउंट है तो ऐसी स्थिति में इसे हर महीने एसआईपी के जरिए निवेश करना सही तरीका नहीं है। मान लीजिए, आपके पास 10 लाख रुपए हैं और आप एसआईपी के माध्यम से हर महीने 5000 रुपए इक्विटी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने अमाउंट के एक बड़े हिस्से पर रिटर्न प्राप्त करने से चूक जाएंगे। इसके बजाय, अगर आप पूरे फंड को व्यवस्थित तरीके से निवेश करने की योजना बनाते हैं, यानी 20 महीने के लिए 50,000 रुपए प्रति माह, तो यह बेहतर तरीका होगा। अगर आपका लक्ष्य बहुत छोटा है तो आप एकमुश्त 10 लाख रुपए भी निवेश कर सकते हैं।
3. अगर आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम अच्छा रिटर्न नहीं दे रही हो
जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को ट्रैक करना जरूरी है। कभी-कभी, आपके पोर्टफोलियो में कुछ स्कीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हैं। अगर आप घाटे में चल रहे म्यूचुअल फंड में निवेश करना जारी रखते हैं, तो इससे आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आगे के नुकसान से बचने और अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि घाटे में चल रही एसआईपी को तुरंत रोक दिया जाए। इस पैसे को निकालकर किसी अन्य स्कीम में लगाया जा सकता है।
हमेशा ध्यान रखें, एसआईपी आपको जोखिम कम करने में मदद कर सकती है, बशर्ते आपने सही फंड चुना हो। एसआईपी की कुछ सीमाएं होती हैं जिन्हें आपको उनमें निवेश करने से पहले ध्यान में रखना चाहिए। ये लॉन्ग टर्म के लिए होती हैं और हो सकता है कि ये आपको शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न न दें।
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