चढ़ते बाजार में मुनाफा वसूली से बचें, पैसे की जरूरत हो तभी बेचें अपने शेयर

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Avoid selling in a rising market, sell your shares only when you need money.

सेंसेक्स और निफ्टी इस समय अपने ऑल टाइम हाई पर ट्रेड कर रहे हैं। इसको देखते हुए कई निवेशक मुनाफा वसूली करना चाह रहे हैं, कई लोगों ने मुनाफा वसूली कर भी ली है। असल में आम भारतीय निवेशक गिरते हुए बाजार से ज्यादा चढ़ते हुए बाजार को लेकर आशंकित रहते हैं और यहीं गलती कर बैठते हैं। ऐसे दौर में मुनाफावसूली आम ट्रेंड है, लेकिन ये सोच बदलने की जरूरत है। मनीलाभ डॉट कॉम के लिए शेयर बाजार के विशेषज्ञ उन रणनीतियों के बारे में बता रहे हैं जिनका आप ध्यान रखेंगे तो बेहतर मुनाफा कमा पाएंगे।

अपने निवेश लक्ष्य के अनुसार खरीद-बिक्री करें

आपने किसी शेयर से कितना रिटर्न की उम्मीद की है, उसके आधार पर शेयर बेचें न कि बाजार के चढ़ाव-उतार के आधार पर। अगर आपका निर्धारित रिटर्न का लक्ष्य पूरा हो गया है तो फिर उस शेयर को बेच दें। बाद में चाहे वह कितना भी ऊपर चढ़े या गिरे, आपको उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

शेयर मार्केट में तेजी का अर्थ भविष्य की गिरावट नहीं

बाजार में तेजी दिख रही है या काफी ऊंचाई पर है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ये निकट भविष्य में ये जरूर गिरेगा। हो सकता है कि थोड़े बहुत करेक्शन आएं लेकिन इसके बाद फिर से तेजी नहीं आएगी, ये भी नहीं कहा जा सकता। मतलब बाजार को टाइम करना संभव नहीं है। ऐसे में सिर्फ रिकॉर्ड तेजी की वजह से शेयर बेचना अच्छी रणनीति नहीं हो सकती।

शेयर मार्केट को टाइम कर पाना संभव नहीं

आम निवेशक तेजी आते ही शेयर को इस उम्मीद में बेच देता है कि जब गिरावट होगी तो फिर से खरीद लेगा लेकिन अक्सर ऐसा नहीं हो पाता। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि आप सटीक अंदाजा नहीं लगा सकते कि बाजार कब चढ़ेगा और किस लेवल से गिरना शुरू होगा। वास्तव में कम दाम पर शेयर खरीदना और ऊंची कीमतों पर बेचना व्यवहारिक तौर पर सबसे अच्छी रणनीति नहीं होती।

लंबे समय तक निवेशित रहना सही

शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर आता रहता है। सही अर्थ में रिटर्न वही कमा पाता है जो लम्बे समय तक निवेशित रहता है। शेयर मार्केट के निवेशकों को रियल एस्टेट के निवेशकों की तरह सोचना चाहिए। प्लॉट, मकान या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के निवेशक कीमतों में रोजाना बदलाव की चिंता नहीं करते। वास्तव में रियल एस्टेट से कमाई करने वाले लोग लंबे समय तक निवेशित रहते हैं। शेयर बाजार की फितरत भी ज्यादा अलग नहीं है। याद रखिए कि 1979 में सेंसेक्स 100 पर था।

शेयरों की क्वालिटी पर फोकस करें

शेयर मार्केट में बार-बार ऊपर चढ़ने या गिरने वाले शेयरों के बजाय क्वालिटी शेयरों की पहचान करने की जरूरत होती है। अच्छे शेयरों में निवेश बनाए रखें और पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें। ठीक वैसे ही, जैसे प्रॉपर्टी के मामले में करते हैं। आप गलत लोकेशन या कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर वाली प्रॉपर्टी में पैसा नहीं लगाते।

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