Mutual Funds की हमारे शेयर बाजार में दखल लगातार बढ़ रही है। देश की म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 50 लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है। ऐसे में निवेशकों के लिए इस बात के बहुत मायने होते हैं कि म्यूचुअल फंड किन शेयरों और सेक्टर में निवेश कर रहे हैं और कहां से पैसा निकाल रहे हैं। मनीलाभ हर महीने इसके आंकड़े प्रकाशित करता है।
मार्च के आंकड़ों की बात करें तो Mutual Funds ने तेजी से बढ़ते औद्योगिक और आवश्यक वस्तुओं (स्टेपल्स) के शेयरों में जमकर खरीदारी की, तो सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और निर्माण सामग्री क्षेत्रों से कुछ निवेश निकाल लिया।
Best Stocks to Invest in According to Mutual Funds?
- लार्ज कैप्स: म्यूचुअल फंडों ने दिग्गज कंपनियों जैसे ITC, HDFC बैंक, REC, PFC और BEL में जमकर खरीदारी की है। ये कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं और इनके भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
- मिडकैप्स: फंड हाउसों ने मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से जुड़े संवरधना मदरसन और मदरसन सुमी वायरिंग जैसी कंपनियों के मिडकैप शेयरों में भी खरीदारी बढ़ाई है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों जैसे SAIL और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों जैसे बंधन बैंक में भी निवेश बढ़ाया गया है।
- स्मॉल कैप्स: यहां भी रुझान बदला है। फंड मैनेजरों ने भविष्य में ग्रोथ की उम्मीद वाले NLC, एस्टर डीएम, क्रॉम्पटन ग्रीव्स जैसी छोटी कंपनियों में निवेश बढ़ाया है।
Mutual Funds ने कहां से निकाला पैसा?
जहां कुछ सेक्टरों में फंड हाउसों ने जमकर खरीदारी की है, वहीं कुछ सेक्टरों से उन्होंने निवेश कम कर दिया है।
- लार्ज कैप्स: सरकारी क्षेत्र के बैंकों जैसे SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा तथा टेलिकॉम क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल से कुछ निवेश निकाला गया है।
- मिडकैप्स: वोडाफोन आइडिया के अलावा, अशोक लीलैंड और NHPC जैसे कंपनियों से भी कुछ हिस्सेदारी कम कर ली गई है।
- स्मॉल कैप्स: एनबीसीसी जैसी सरकारी कंपनियों और उज्जीवन एसएफबी जैसी फाइनेंशियल कंपनियों से भी कुछ निवेश कम किया गया है.
किस सेक्टर में कितना दांव?
इन आंकड़ों से पता चलता है कि म्यूचुअल फंडों का रुझान अब अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है, जिन्हें भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.
- इंडस्ट्रियल्स (+23 bps): बीईएल, बीएचईएल जैसी कंपनियों के साथ ही बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों जैसे जीएमआर एयरपोर्ट्स और आदित्यपुर SEZ में भी फंड हाउसों ने निवेश बढ़ाया है।
- स्टेपल्स (+18 bps): दैनिक जरूरतों की वस्तुएं बनाने वाली कंपनियों जैसे ITC, हिंदुस्तान यूनिलीवर और ज्योति लैब्स में भी फंड्स की आवक बढ़ी है। आर्थिक मंदी के दौरान भी ये सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
- फाइनेंशियल्स (+14 bps): बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों जैसे HDFC बैंक, बंधन बैंक और REC में भी निवेश बढ़ाया गया है।
क्या हैं Mutual funds के निवेश में इस बदलाव के मायने?
म्यूचुअल फंडों के निवेश रुझान में इस बदलाव को अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों की ओर बढ़ते रुझान के रूप में देखा जा रहा है, जिन्हें भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे सरकारी और निजी निवेश तथा आवश्यक वस्तुओं की मांग में निरंतरता को देखते हुए इन क्षेत्रों में mutual funds का रुझान बढ़ना स्वाभाविक है।
वहीं, पिछले कुछ समय में आईटी क्षेत्र में सुस्ती और निर्माण सामग्री क्षेत्र में कच्चे माल की ऊंची कीमतों को देखते हुए इन क्षेत्रों से कुछ निवेश निकालना भी रणनीतिक कदम माना जा सकता है। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंडों का यह रुझान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के भविष्य के प्रदर्शन का आकलन करता है।
मनीलाभ डॉट कॉम में सीनियर कॉपी रॉइटर। बिजनेस पत्रकारिता में तीन साल का अनुभव। मनीलाभ से पहले राजस्थान पत्रिका में बतौर सब एडिटर काम किया। खाली समय में पढ़ना और घूमना पसंद है।