मुंबई। अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को गिरावट के सरथ बंद हुए थे। वहीं, एशिया के ज्यादातर बाजार की या तो फ्लैट शुरुआत फ्लैट रही या फिर वह हल्की तेजी के साथ खुले। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के बाजार (Market Outlook) भी एशियाई बाजारों की तर्ज पर या तो फ्लैट खुल सकते हैं या फिर उनमें हल्की तेजी देखने को मिल सकती है।
एचडीएफसी सिक्युरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी के मुताबिक, सभी तीन प्रमुख अमेरिकी स्टॉक इंडेक्स बुधवार को निचले स्तर पर बंद हुए। निवेशकों को गुरुवार को आने जा रही महंगाई के आंकड़ों का इंतजार है। महंगाई के आंकड़े, जून में अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के फैसले को प्रभावित कर सकता है। व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) मूल्य सूचकांक, जो कि फेड का पसंदीदा मुद्रास्फीति मापने का पैमाना है, जनवरी में मासिक आधार पर 0.3% की वृद्धि दिखा सकता है।
वहीं, चौथी तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की विकास दर के अनुूमान को थोड़ा कम करके 3.2% कर दिया गया, लेकिन अर्थव्यवस्था अभी भी तेजी से बढ़ रही है और धीमी होने के कुछ संकेत दिखा रही है। अमेरिकी सरकार ने कहा कि 2023 के अंतिम तीन महीनों में सकल घरेलू उत्पाद 3.3% की दर से बढ़ा है। उपभोक्ता खर्च के कारण 2023 की दूसरी छमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में काफी तेजी आई।
जसानी के मुताबिक, एनएसई ने घोषणा की कि श्रीराम फाइनेंस निफ्टी-50 में यूपीएल की जगह लेगा। यह बदलाव 28 मार्च, 2024 को लागू होंगे। इसके अलावा, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज निफ्टी नेक्स्ट-50 में प्रवेश करेगी।
निफ्टी का चार्ट क्या बता रहा?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, निफ्टी को 21850 और फिर 21700 जोन पर तत्काल सपोर्ट, जबकि 22150 और फिर 22222 जोन पर रेसिस्टेंस है। अब जब तक यह 22000 ज़ोन से नीचे रहता है, तब तक 21850 और फिर 21700 के ज़ोन की ओर कमजोरी देखी जा सकती है। जबकि रेसिस्टेंस 22150 और फिर 22222 के ज़ोन पर देखी जा रही हैं।
मनीलाभ डॉट कॉम में एसोसिएट एडिटर। बिजनेस पत्रकारिता में डेढ़ दशक का अनुभव। इससे पहले दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और लोकमत समाचार में बिजनेस बीट कवर कर चुके हैं। जब बिजनेस की खबरें नहीं लिख रहे होते तब शेर और कहानियों पर हाथ आजमा रहे होते हैं।