शेयर बाजारExplained: शेयर पर आने वाली ओवरवेट, आउटपरफॉर्म और अंडरवेट जैसी सिफारिशें आखिर...

Explained: शेयर पर आने वाली ओवरवेट, आउटपरफॉर्म और अंडरवेट जैसी सिफारिशें आखिर हैं क्या? यहां समझें

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और एक रिटेल निवेशक हैं तो आप शेयरों के बारे में आने वाली सलाह (Share recommendations explained) में रूचि जरूर होगी। बड़े फंड हाउस, इन्वेस्टमेंट बैंक और ब्रोकरेज फर्म शेयरों का एनालिसिस करती हैं और उसके आधार पर उन्हें खरीदने और बेचने जैसी सलाह जारी करती हैं। मनीलाभ इन रिपोर्ट्स पर आधारित खबरों के माध्यम से आपको ऐसे शेयरों से परिचित कराता भी रहता है। 

वित्तीय सेवा कंपनियों की ओर से जारी करने वाली सलाह हमेशा खरीदें और बेचने जैसी साफ और स्पष्ट नहीं होती। इनके बीच में भी कई तरह की सलाहें होती हैं। और तो और, अलग-अलग वित्तीय कंपनियां एक ही तरह की सलाह के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। उदाहरण के लिए एक कंपनी किसी शेयर को ओवरवेट की सिफारिश करती है, तो दूसरी कंपनी उसे आउटपरफॉर्म कह सकती है। दोनों का अर्थ समान है और यह बताता है कि उस शेयर को लेकर कंपनियों का रुख सकारात्मक है और वह उसे खरीदने की सलाह दे रही हैं। 

निवेशकों की दुविधा दूर करने के लिए मनीलाभ एनालिस्टों द्वारा शेयर को लेकर दी जाने सभी तरह सिफारिशों को एक्सप्लेन कर रहा है। आइए इनके बारे में जानते हैं: 

Share recommendations explained

Sell या बेचें

जैसा कि नाम से साफ है, इसमें शेयर को बेचने की सलाह दी जा रही है। कई कंपनियां स्ट्रांग सेल की भी सलाह देती हैं। इसका मतलब है कि कंपनी को उम्मीद है कि यह शेयर आगे चलकर गिरेगा। इसलिए इसे बेच देने में ही भलाई है।  

Underperform या underweight

यह sell रेटिंग से एक पायदान ऊपर होता है। इसमें स्टॉक के बेंचमार्क इंडेक्स से खराब प्रदर्शन करने की उम्मीद होती है। यानी इसका मतलब है कि अगर आपके पास यह शेयर हैं तो उसमें कमी कर सकते हैं और इस सेक्टर में आप पैसा लगाना चाह रहे हैं तो कम से कम इस कंपनी में न लगाएं। कुछ वित्तीय कंपनियां इसे reduce या moderate sell भी कहती हैं।

होल्ड या neutral

जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इसका मतलब है कि शेयर ना खरीदने की सलाह है और न बेचने की। सामान्यत: जब किसी कंपनी के अपने पीयर ग्रुप या बाजार के समना प्रदर्शन करने की उम्मीद होती है, तब यह सलाह दी जाती है। 

Outperform या Overweight

आउटपरफॉर्म सिफारिश का अर्थ है कि उस उस शेयर से बाजार रिटर्न की तुलना में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहा है। यानी इसे खरीदा जा सकता है। अलग-अलग कंपनियां इसे moderate buy, accumulate और add रेटिंग भी देती हैं। 

Buy या खरीदें

इसे Strong buy भी कहा जाता है। इस सिफारिश का मतलब है कि एनालिस्ट को उम्मीद है कि यह शेयर भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेगा और सामान्य बाजार की तुलना में निवेशकों को कहीं बेहतर रिटर्न देगा। 

सभी तरह की सिफारिशों में 12 महीने की अवधि का नजरिया लिया जाता है। यहां ध्यान रखने की जरूरत है कि अलग-अलग एनालिस्ट एक ही शेयर को अलग-अलग सिफारिश दे सकते हैं और यह जरूरी नहीं है कि शेयर इन सिफारिशों के अनुरूप ही प्रदर्शन करे। इसलिए हमेशा सलाह दी जाती है कि स्टॉक को खरीदने से पहले अपनी रिसर्च करें। इन रिपोर्ट्स का इस्तेमाल अपनी रिसर्च को बेहतर बनाने के लिए करें।

उम्मीद है कि अगली बार जब आप किसी वित्तीय सेवा कंपनी की रिपोर्ट देखेंगे तो उनकी सिफारिश समझने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। अगर आपके मन में शेयर बाजार, या पर्सनल फाइनेंस से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमें व्हाट्सअप (88827-13048) या ईमेल editor@moneylabh.com पर भेज सकते हैं। हमें उनका जवाब देने में खुशी होगी।  

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