Cash Transaction limits: यह डिजिटल और बैंक भुगतान का दौर है, इसमें नकद भुगतान की सीमाएं तय कर दी गई हैं। सरकार चाहती है कि आप कैश ट्रांजेक्शन कम से कम करें और अपने व्यापार में भुगतान लेते और देते समय बैंकिंग चैनल्स का उपयोग करें।
सरकार ने और आयकर विभाग (Income tax department) ने देश में कैश ट्रांजेक्शन रोकने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और बैंकिंग ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भी बहुत कुछ किया है। यहां जब भी हम बैंकिंग ट्रांजेक्शन या बैंकिंग चैनल की बात करते हैं वहां हमारा अर्थ बैंक के अकाउंट पेयी चेक या ड्राफ्ट, अधिकृत ऑनलाइन बैंकिंग भुगतान से है।
इस लेख में हम आपको यह बता रहे हैं कि आपको भुगतान करते समय अथवा भुगतान प्राप्त करते समय कैश ट्रांजेक्शन पर लगे प्रतिबंधों का किस तरह से ध्यान रखना है और इसके साथ ही किस तरह आप बैंकिंग ट्रांजेक्शन कर अन्य प्रकार के लाभ या प्रोहत्सान प्राप्त कर सकते है।
ये सभी प्रोत्साहन केवल व्यापार की आय से ही सम्बंधित नहीं है, बल्कि इनमें से तो कई सामान्य रूप से भी लागू होते हैं। इसलिए आप इस लेख को ध्यान से पढ़ें, सतर्क रहें और समझने का प्रयास करें और जहां भी हो सके इसका लाभ उठाने का प्रयास करें।
व्यापार से जुड़े खर्चों के मामले में क्या है Cash Transaction limits
आप अपने व्यापार संबंधी खर्चे के लिए एक व्यक्ति को एक दिन में 10 हजार रुपए तक ही भुगतान कर सकते हैं। इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं। यदि आपने कुछ माल 23 हजार रूपये में खरीदा है। अब आप यदि इसका एक ही दिन में यह भुगतान कैश में कर देते हैं तो आपके यह खर्च अस्वीकृत होकर आपकी आय में जुड़ जाएगा।
अब यदि आप यह भुगतान प्रतिदिन 10 ह़जार रूपये के हिसाब से करते हैं तो आप कानून के हिसाब से बिलकुल सही हैं। इसलिए ध्यान रखें कि यदि आप कोई माल या सेवा अथवा खर्च 10 हजार रूपये से अधिक का करते है तो या तो आप इसका भुगतान बैंक के जरिये करें या फिर प्रतिदिन उस व्यक्ति को 10 हजार रूपये से अधिक ना दें।
आइये इसका एक अपवाद भी देख लें। यदि आपका भुगतान किसी ट्रांसपोर्ट खर्च के लिए है तो आप फिर 35 हजार तक कैश भुगतान (Cash Transaction) कर सकते हैं। कुछ अन्य अपवाद कानून में दिए गए हैं, लेकिन सामान्य हालात में आपको इस कानून का पालन करना है।
इसके अतिरिक्त यदि आप किसी एसेट को खरीदने के लिए एक दिन में एक व्यक्ति को 10 हजार से अधिक का कैश भुगतान करते हैं और उस एसेट पर आपको उतनी रकम पर डेप्रीसिएशन नहीं मिलेगा, जितनी रकम आपने 10 हजार रूपये से अधिक रोकड़ में भुगतान की है। इसलिए बेहतर है कि किसी एसेट को खरीदने के लिए या तो आप बैंकिंग चेनल से ही भुगतान करें ताकि आपको डेप्रीसिएशन प्राप्त करने में कोई परेशानी ना हो।
भुगतान लेने के मामले में क्या है Cash Transaction limits
यदि आप 2 लाख रूपए या उससे अधिक की कोई वस्तु या सेवा बेचते हैं, तो उसका भुगतान कैश में नहीं ले सकते हैं। यह एक एकल व्यवहार है और 2 लाख रूपये या इससे अधिक का है। मान लीजिये आपने कोई माल 2.30 लाख में बेचा और एक ही बिल बना है तो आपको इसका भुगतान बैंकिंग चैनल से ही लेना होगा। आप कैसे भी चाहे प्रतिदिन 10 हजार के टुकड़ों में ही क्यों ना हो कैश नहीं ले सकते हैं।
इसका एक और पक्ष देख लें। यदि आपने किसी व्यक्ति से अलग-अलग बिल से कुल 5 लाख का माल बेचा है, चाहे एक बिल 25 हजार का ही क्यों ना हो, आप एक दिन में उस व्यक्ति से 2 लाख रुपए या इससे अधिक का भुगतान कैश में नहीं ले सकते।
यदि आप इस 2 लाख रुपये या इससे अधिक के भुगतान को कैश में लेते है तो फिर आप पर उतना ही जुर्माना लग सकता है, जितना भुगतान आपने कैश में लिया। ऐसा करने का कोई न्यायोचित्त कारण हो तो पेनाल्टी से बच सकते हैं, लेकिन आपको सलाह यह है कि इस कानून का बराबर पालन करें और इस तरह के बड़ी रकम की सेल होने पर भुगतान बैंकिंग चैनल से ही प्राप्त करें।
जमीन बेचने के मामले में क्या है Cash Transaction limits
यदि आप 20 हजार से अधिक की जमीन बेचते हैं तो फिर उसका भुगतान कैश में नहीं ले सकते। आपको इसके लिए बैंकिंग चैनल का ही इस्तेमाल करना होगा। ऐसा नहीं करते हैं तो इस कानून का उल्लंघन करते हुए प्राप्त किये गए भुगतान के बराबर जुर्माना लग सकता है। जब भी आप जमीन या प्रॉपर्टी बेचें तो ध्यान दे इसके लिए भुगतान आप बैंकिंग चैनल से ही लें क्योंकि इस मामले में कोई भी कारण बताने पर आपको राहत नहीं मिलेगी।
उधार लेने-देने के मामले में क्या है Cash Transaction limits
व्यापार में आपको उधार पैसे की जरूरत तो रहती ही है। इसके लिए आप किसी भी व्यक्ति से धन उधार लेते हैं तो भी आपको ध्यान रखना है कि 20 हजार रूपये और उससे से अधिक का कर्ज आप ना तो कैश में ले सकते हैं ना ही चुका सकते हैं। यदि आप ऐसा करते है तो जुर्माने की रकम भी इस रकम के लेने और चुकाने के बराबर होती है। ध्यान रखें जब भी किसी व्यक्ति से लिए कर्ज की सीमा 20 हजार रूपये तक पहुंच जाती है आपको उसका व्यवहार बैंकिंग चैनल्स के जरिए ही करना होगा।
वह मामले जहां नहीं कर सकते Cash Transaction
आइये कुछ और आयकर प्रावधान देखें जहां आपको कैश में लेनदेन छोड़ना जरूरी है। यानी आपको ये लेनदेन केवल बैंक के जरिए ही करना है। आपको आयकर की धारा 80D के तहत मेडीक्लेम की छूट मिलती है। लेकिन इसकी एक शर्त है कि भुगतान कैश में नहीं होना चाहिए। जबकि बीमा का प्रीमियम भुगतान कैश में करने पर कोई रोक नहीं है। यानी अगर आपको मेडिक्लेम की कटौती आयकर में लेनी है तो आपको बीमा का भुगतान ऑनलाइन करना होगा।
बैंकिंग चैनल (Cash Transaction) से लेनदेन के फायदे
व्यापार में बैंकिंग ट्रांजेक्शन प्रोहत्साहित करने के लिए भी प्रावधान बनाये गए हैं।
आयकर की धारा 44AD:
सामान्य तौर पर 2 करोड़ रूपये तक टर्नओवर पर आप 6 प्रतिशत अथवा 8 प्रतिशत की दर से अनुमानित प्रॉफिट दिखा कर रिटर्न भर सकते हैं और ऐसा करने पर आपको अपने बही खाते का ऑडिट नहीं करवाना पड़ता है। बैंकिंग चैनल से आये हुए टर्नओवर पर प्रॉफिट 6% ही लेना है, जबकि कैश में प्राप्त हुए टर्नओवर पर प्रॉफिट की दर 8% है। लेकिन, यदि आपकी बिक्री का 95 प्रतिशत बैंकिंग चैनल के द्वारा प्राप्त हुआ है तो यह सीमा 3 करोड़ रूपये हो जाती है।
आयकर की धारा 44AB:
यहां 1 करोड़ से ऊपर के टर्नओवर का ऑडिट जरूरी हो जाता है। लेकिन यदि आपकी बिक्री, खरीद और खर्च का 95 प्रतिशत बैंकिंग चैनल से है (यानी आपका बिक्री, खरीद और खर्च में कैश व्यवहार 5 प्रतिशत से अधिक नहीं है) तो फिर आपको 10 करोड़ तक के टर्नओवर पर ऑडिट करवाने की जरूरत नहीं होती।
बैंकों में कैश जमा कराने एवं निकालने की घोषित और अघोषित सीमाएं (Cash Transaction limits) हैं। एक सीमा से अधिक कैश लेनदेन पर आपको इन्हें सबूत सहित आयकर विभाग (Income tax department) को समझाना पड़ सकता है। इसलिए कैश में लेनदेन जहां तक संभव है, सीमित रखने का प्रयास करें।
सरकार चाहती है कि आप अधिक से अधिक भुगतान करते समय एवं भुगतान लेते समय बैंकिंग चैनल्स का उपयोग करें और जहां तक संभव हो कैश में करने से बचें। इस संबंध में जो ऊपर लिखा गया है, उसकी तकनीकी शब्दावली में जाने की जगह भावना को समझते हुए इनका पालन करने का प्रयास करें, ताकि आपके व्यापार करने में किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं आये।
जीएसटी से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट, पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट, जब टैक्स के नंबरों और कागजों से फुर्सत मिलती है तब कार्टून पर हाथ आजमा रहे होते हैं।