Home Top Story क्या एचआरए क्लेम के पुराने मामले दोबारा खुल रहे? आयकर विभाग ने कही ये बड़ी बात

क्या एचआरए क्लेम के पुराने मामले दोबारा खुल रहे? आयकर विभाग ने कही ये बड़ी बात

क्या एचआरए क्लेम के पुराने मामले दोबारा खुल रहे? आयकर विभाग ने कही ये बड़ी बात
xr:d:DAF7GQXk3sY:431,j:5095121327124518455,t:24040818

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि एचआरए क्लेम (हाउस रेंट अलाउंस) और वास्तव में करदाताओं द्वारा दिए गए किराए के बीच विसंगति के मामलों को फिर से खोलने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

सीबीडीटी की प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने एक बयान जारी कर कहा कि आयकर विभाग को नियमित डेटा सत्यापन के दौरान करदाताओं द्वारा दायर जानकारी और विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच कुछ विसंगतियों का पता चला था। ऐसे मामलों में, विभाग ने करदाताओं को रिटर्न अपडेट कर देने के लिए सतर्क कर दिया है।

थोक में मामले फिर से खोलने का कोई सवाल नहीं: सीबीडीटी

सीबीडीटी द्वारा ऐसे मामलों को उजागर किया गया था, जहां कर्मचारियों ने गलत एचआरए और किराए के भुगतान का दावा किया था। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया लेखों में यह दावा कर दिया गया कि आयकर विभाग पुरानी तिथि से ऐसे मामलों को खोल रहा है और गड़बड़ी करने वाले आयकरदाताओं को नोटिस भेज रहा है। 

ये भी पढ़ें: नॉमिनी बनाना ही काफी नहीं, जानिए उत्तराधिकार का हक पाने के लिए क्या जरूरी है

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि इन मामलों पर retrospective कर लगाने और एचआरए दावों से संबंधित मुद्दों पर मामलों को फिर से खोलने की कोई आशंका पूरी तरह से निराधार है।

केवल वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उच्च मूल्य वाले मामलों में किया गया डेटा विश्लेषण

विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी द्वारा दिए गए किराए और प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त किराए के बीच विसंगति के कुछ उच्च मूल्य वाले मामलों में डेटा विश्लेषण किया। यह सत्यापन ढेर सारे मामलों को फिर से खोले बिना, कम संख्या में किया गया था। 

सीबीडीटी ने इस बात को रेखांकित किया है कि ई- सत्यापन का उद्देश्य केवल वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सूचना में विसंगतियों के मामलों को सतर्क करना था, न कि अन्य को प्रभावित करना।

सीबीडीटी ने दोहराया है कि ऐसे मामलों को फिर से खोलने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं है, और मीडिया रिपोर्ट्स में विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर फिर से खोलने का आरोप पूरी तरह से गलत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here