gold investing: सोने की कीमतों में जारी तेजी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोना एक महीने के भीतर MCX पर 62200 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 72800 रुपये के स्तर त क पहुंच गया है। ये अब तक रिकॉर्ड है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी यहीं थमने वाली नहीं है।
मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और तेजी आने की उम्मीद है। निकट भविष्य में इसके 73200 और 75300 रुपये के स्तर को छूने का अनुमान है। ऐसे में निवेशकों के मन में दुविधा है कि सोने में अभी निवेश किया जाए या नहीं, पहले से सोने में जो निवेश है, क्या उस पर मुनाफा वसूली की जाए? आइए समझते हैं कि इस समय सोने में निवेशकों को क्या करना चाहिए।
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सोने में एकमुश्त निवेश (gold investing) से बचें
सोने की कीमतें बहुत ऊंचाई पर है, ऐसे में एकमुश्त बहुत सारा सोना खरीदना जोखिम भरा हो सकता है। भले ही अंतरराष्ट्रीय कारक सोने की कीमतों में और इजाफा होने का संकेत दे रहे हैं, लेकिन निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि गोल्ड में निवेश करना भी है तो धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए। कीमतों के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बगैर नए निवेशक कम से कम 7 साल का लक्ष्य लेकर चलें।
क्या सोने में मुनाफा वसूली करनी चाहिए?
यदि आपके पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी 15 फीसदी से अधिक है तो थोड़ा सोना बेचकर मुनाफा कमा लें और पोर्टफोलियो को मुनासिब स्तर पर ले आएं। कीमतों में करेक्शन का लक्ष्य निर्धारित करें। निर्धारित लक्ष्य से नीचे कीमत आने पर फिर खरीदारी करें। नए निवेशक एकमुश्त खरीदारी करने के बजाय क्रमवार तरीके से खरीद करें।
यदि निवेश पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा 15% से कम है, तो क्या करें?
निकट अवधि में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन सोना मध्यम और लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती, शेयर मार्केट में गिरावट की आशंका, वैश्विक भू-राजनैतिक अनिश्चितता जैसे कई कारण हैं, जिनसे सोने (gold investing) को सपोर्ट मिलेगा। इसलिए गोल्ड बेचना ठीक नहीं है।
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